FASTAG, पेट्रोल और सीएनजी बिना इंश्योरेंस के नहीं मिलेगा, सरकार का आया बड़ा फैसला
Motor Vehicle Act : सरकार ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मोटर वाहन इंश्योरेंस को हटाने की योजना बनाई है। अब इसके लिए कई विकल्पों पर विचार करने की सलाह दी गई है। जानकारी के अनुसार, सीएनएजी, फास्टैग और पेट्रोल के नियमों में जल्द ही बदलाव हो सकते हैं। सरकार अब इनके इंश्योरेंस (Government Insurance Rules) को लेकर कई महत्वपूर्ण कार्रवाई कर रही है।

The Chopal, Motor Vehicle Act : वाहन चालकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी है। ये खबर आपके लिए अच्छी होगी अगर आप भी हाल ही में गाड़ी खरीदने का विचार कर रहे हैं। ध्यान दें कि फास्टैग, पेट्रोल और सीएनजी के नियमों में हाल ही में बदलाव होने वाले हैं। सरकार ने थर्ड पार्टी इंश् योरेंस को अनिवार्य कर दिया है। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस से मुक्त वाहन चालकों को पेट्रोल-डीजल और सीएनजी भरवाने और फास्टैग खरीदने की अनुमति नहीं मिलेगी। आइए जानते हैं।
बीमा को बढ़ावा देने के लिए इन कदमों का पालन करें:
वित्त मंत्रालय ने सड़क परिवहन मंत्रालय से थर्ड पार्टी इंश् योरेंस को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है।इसका सीधा अर्थ था कि थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस नहीं होने पर आपका DL renewal नहीं होगा। ऐसा कानून जल्द ही लागू होने वाला है। Motor Vehicle Act के तहत कोई वाहन थर्ड-पार्टी इंश् योरेंस के बिना सड़क पर नहीं चला। उनका ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं नवीनीकरण किया जाएगा। यही कारण है कि थर्ड पार्टी बीमा को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय किए जा रहे हैं।
थर्ड पार्टी बीमा अनिवार्य है—
सरकार ने थर्ड पार्टी बीमा को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया है। यह नियम अभी लागू नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही लागू होगा। सरकार अभी मोटर व्हीकल इंश्योरेंस (MVI) से जुड़े कई विकल्पों पर विचार कर रही है।
इसका उद्देश्य यह है कि मोटर व्हीकल एक् ट के तहत कोई भी व्हीकल थर्ड-पार्टी इंश् योरेंस के बिना सड़क पर नहीं चले। वाहन चालक को थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस नहीं होने पर पेट्रोल-डीजल खरीदने और FASTag खरीदने की अनुमति नहीं होगी। यहां तक कि उनके पॉलिसी सर्टिफिकेट और ड्राइविंग लाइसेंस को भी नहीं बदला जाएगा।
ये बड़े बदलाव नियमों में हो सकते हैं-
इसका कानून 1988 के मोटर वाहन अधिनियम में बनाया गया है। नियमों का उल्लंघन करने पर सजा दी जाएगी अगर यह लागू होता है। इन नियमों के तहत सभी मोटर और वाहनों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना बहुत जरूरी है. यह थर्ड पार्टी इंश् योरेंस नियम कहलाता है। नियमों का उल्लंघन करने पर चालक को तीन महीने की जेल भी हो सकती है। सरकार ने यह निर्णय लिया है जब भारतीय सड़कों पर चलने वाले दो में से एक वाहन में थर्ड पार्टी इंश् योरेंस नहीं है।
क्यों थर्ड पार्टी बीमा आवश्यक है—
अभी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर के साथ आवश्यक नोटिस और नियम जारी किए जा सकते हैं। साथ ही, मोटर व्हीकल ऐक्ट, जो थर्ड पार्टी इंश् योरेंस कवर की आवश्यकता बताता है, के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस कानून को लागू करने के लिए भी सरकार निर्देश देगी। सरकार ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि आपकी कार या बाइक से जुड़े सभी आवश्यक कार्यों, जैसे पेट्रोल खरीदना, फास्टैग लेना और लाइसेंस रिन्यू कराना, सिर्फ तब तक किया जा सकेगा जब आपकी कार या बाइक का थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस है। इसके लिए सड़क परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road Transport) इन नियमों में बदलाव कर सकता है, जो वाहनों को शामिल करेंगे।
इंश्योरेंस कवरेज बदलेगा—
साथ ही, सड़क परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road Transport) राज्यों को इन नियमों को लागू करने का आदेश देगा कि बिना थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाए। IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority) के आंकड़ों के अनुसार, देश में चलने वाले 35 से 40 करोड़ वाहनों में से केवल पांचवें हिस्से में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस है। इसके परिणामस्वरूप संसद की वित्त संबंधी स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee) ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवरेज को बदलने का प्रस्ताव दिया है।सरकार ने इस इंश् योरेंस को बनाया है ताकि सड़क दुर्घटना में अजनबी को हुआ नुकसान भरपाया जा सके।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश मिलेंगे-
हालाँकि, अजनबी लोगों को सड़क दुर्घटनाओं में हुए नुकसान का भुगतान करने के लिए अभी एक प्रस्ताव पर काम किया जा रहा है. सड़क परिवहन मंत्रालय जल्द ही मोटर वाहन अधिनियम के तहत इन नियमों में बदलाव कर सकता है। पिछले महीने संसद में सातवीं रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। इस बैठक में बैठी समिति ने बताया कि 31 मार्च 2020 तक, यानी चार साल पहले, बिना इंश् योरेंस वाले वाहनों की संख्या 56% थी।
इलेक्ट्रॉनिक चालान के कार्यान्वयन की जांच करने के लिए राज्यों को डाटा का उपयोग करने को कहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों को अब वैयक्तिक रजिस् ट्रेशन (वाहन रजिस्ट्रेशन) और इंश्योरेंस कवरेज (इंश् योरेंस कवरेज) के बारे में जानकारी रिपोर्ट करनी चाहिए। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इन नियमों को जल्द ही बदल दिया जा सकता है। इसके लिए, अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए तुरंत निर्देश दिए जाएंगे।