MP में NHAI बनाएगा 77 किलोमीटर की रिंग रोड, 38 गांवों से गुजरेगी, मिली मंजूरी
MP News : मध्य प्रदेश में 77 किलोमीटर लंबी रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूरी दे दी है। यह मार्ग प्रदेश के 38 गावों से होकर गुजरेगा। जिस इलाके की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत होगी। साथ ही इलाके में यातायात व्यवस्था में भी सुधार होगा।

Madhay Pradesh News : केंद्रीय मंत्री गडकरी ने हाल ही में मध्य प्रदेश में एक नई सड़क निर्माण परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। हालांकि, जमीन का अधिग्रहण और किसानों को मुआवजा देने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। इसके साथ ही, सरकार को सड़क के आसपास मूलभूत सुविधाएं भी प्रदान करनी होंगी। यह परियोजना शहर में बढ़ते यातायात के दबाव को कम करने और आसपास के क्षेत्रों को बेहतर ढंग से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि इस परियोजना को अगले कुछ महीनों में पूरा कर लिया जाए।
डकाच्या से लेकर पीथमपुर के बीच बनने वाली पूर्वी रिंगरोड को लेकर रास्ता साफ हो गया है। सड़क को बनाने का काम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को सौंप दिया है। 77 किमी लंबे इस मार्ग के निर्माण में चार हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
यह निर्णय गुरुवार को एयरपोर्ट लाउज में बैठक में रखी गई, जिसमें सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने सड़क बनाने के लिए जमीन से जुड़ी प्रक्रिया प्रदेश सरकार को पूरी करने पर जोर दिया। मौके पर मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव भी मौजूद थे, जिन्होंने भूमि अधिग्रहण जल्द शुरू करने पर सहमति दी।
बैठक में एनएचएआइ के विभिन्न प्रोजेक्ट पर चर्चा की गई। सिंहस्थ के लिए उज्जैन को जोड़ने वाली पश्चिमी-पूर्वी रिंगरोड बनाने को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। पश्चिमी रिंगरोड एनएचएआइ बना रहा है।
परंतु अभी तक पूर्वी रिंगरोड को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई थी, क्योंकि सड़क बनाने को लेकर एजेंसी तय करना बाकी था।मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) और एनएचएआइ पर प्रदेश सरकार मंथन करने में लगी थी।
38 गांव से निकलेगी सड़क
चार हजार करोड़ रुपये से बनने वाली पूर्वी रिंगरोड के अंतर्गत सड़क 38 गांव से गुजरेगी, जिसमें कंपेल, खुड़ैल, तिल्लौर, बड़गोंदा, पीथमपुर सहित कई गांव शामिल है।
सड़क को दो हिस्सों में बनाया जाएगा, जिसमें 38 और 39 किमी हिस्सा रखा गया है। अधिकांश सरकारी जमीन से सड़क निकालेंगे। इसमें वनभूमि भी शामिल है।
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अधूरी
पश्चिमी रिंगरोड को लेकर भी बैठक में बातचीत की गई। 64 किमी लम्बे रिंगरोड के लिए 638 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी तक खत्म नहीं हुई है।
इंदौर और धार के 38 गांव आएंगे। 80 मीटर चौड़ी सड़क रहेगी।
महू के पास एबी रोड से सांवेर होते हुए शिप्रा तक सड़क बनाए है, जिसमें बेटमा, हातोद, सांवेर, तराना होते हुए क्षिप्रा से सड़क निकाली जाएगी।
सड़क को लेकर 48 हेक्टेयर वनभूमि की जरूरत है, जिसमें 40 हेक्टेयर इंदौर वनमंडल और 8 हेक्टेयर धार वनमंडल का वनक्षेत्र है।