Success Story: दो भाइयों नौकरी छोड़ शुरू किया यह बिजनेस, अब हो रहा करोड़ों का फायदा

The Chopal, Success Story : किसी के लिए भी जमा-जमाया करियर छोड़कर कोई और काम शुरू करने का फैसला काफी रिस्की होता है. लेकिन पुणे के दो भाईयों ने इस रिस्क को उठाया और आज वह करोड़ों कमा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के एक गांव भोदानी के रहने वाले सत्यजीत और अंजिक्य हांगे की जो आज ऑर्गेनिक फार्मिंग में एक मिसाल बन चुके हैं. दोनों भाईयों ने पुणे के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई की और आज ये दोनों यहां के लोगों को आर्गेनिक फॉर्मिंग के लिए प्रेरित कर रहे हैं. आज दोनों भाईयों की फर्म का टर्नओवर करोड़ों में है.
मिली टॉप बैंक में नौकरी
सत्यजीत और अजिंक्य छुट्टियों के दौरान, वे पुणे से 150 किमी यानी तीन घंटे दूर इंदापुर तालुका के भोदानी गांव में अपने खेत में जाते थे. दोनों भाईयों को अच्छी शिक्षा हासिल कर सकें, इसलिए उनके पिता खेती के मकसद से आ गए. किसान परिवार से आने के बाद भी भाइयों को बचपन से ही खेती से दूर रखा गया था. कंप्यूटर साइंस और अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद, दोनों भाइयों ने पुणे विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. यहां उन्हें टॉप के बैंकों में नौकरी मिल गई. जहां सत्यजीत को कोटक बैंक में जॉब मिली तो अंजिक्य को एचडीएफसी बैंक में प्लेसमेंट मिली.
खेती में मिला सुकून
भागदौड़ का जीवन जीते-जीते थक चुके, दोनों भाईयों, सत्यजीत और अजिंक्य ने खेतों के लिए एक आकर्षण महसूस किया. इसमें उन्हें वास्तव में दिलचस्पी थी. साल 2012 में दोनों ने पूर्णकालिक खेती शुरू की और साल 2017 में टू ब्रदर्स ऑर्गेनिक फार्म (टीबीओएफ) लॉन्च किया. आज उनके व्यवसाय का वार्षिक कारोबार तीन करोड़ रुपये है. हंगे बंधुओं ने शुरुआत में जमीन के एक छोटे से टुकड़े से शुरुआत की थी. लेकिन आज वे 20 एकड़ के खेत में जैविक खेती करते हैं. वे खेती के पारंपरिक तरीकों को अपनाते हैं और गोबर को खाद के रूप में उपयोग करते हैं.
कई देशों के लोगों ने किया दौरा
दोनों भाईयों ने ऑर्गेनिक फार्मिंग को आगे बढ़ाने के लिए अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया. लेकिन करीब 10 साल तक दोनों भाई बैंकिंग में लगे रहे. आज दोनों भाई ऑर्गेनिक फार्मिंग के जरिए कई ऐसे प्रॉडक्ट बेचकर फायदा कमा रहे हैं जो रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग होते हैं. दोनों भाईयों की यह जोड़ी चावल, घी, दाल, गुलकंद, च्यवनप्राश और लड्डू सहित कई जैविक उत्पाद बेचती है. साथ ही 14 से ज्यादा देशों के लोगों ने उनकी जैविक खेती के तरीकों को सीखने के लिए उनके खेतों का दौरा कर चुके हैं. इनमें अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के यात्री, किसान, मीडिया विशेषज्ञ और बैंकर शामिल हैं.
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