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राजस्थान, गुजरात समेत 4 राज्यों का ये एक्सप्रेसवे सफर बनाएगा आसान, जल्द होगा शुरू

Amritsar Jamnagar Expressway : देश के चार राज्यों को एक साथ जोड़ने के लिए 1200 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे के जरिए 1200 किमी. से ज्यादा का सफर मात्र 13 घंटा में पूरा कर लिया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे देश के आर्थिक ढांचे को मजबूती देने के लिए कारगर साबित होगा।

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राजस्थान, गुजरात समेत 4 राज्यों का ये एक्सप्रेसवे सफर बनाएगा आसान, जल्द होगा शुरू

Amritsar Jamnagar Expressway Construction : पूरे देश में बहुत तेजी से एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य चल रहा है। भारत के दूसरे सबसे लंबे एक्सप्रेस वे अमृतसर-जामनगर का निर्माण कार्य पूरी रफ्तार से चल रहा है। इस एक्सप्रेस वे के इस नए साल में बनकर तैयार होने की पूरी उम्मीद है। इसके बन जाने से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात की कनेक्टिविटी बहुत बेहतर हो जाएगी। इस एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 1256 किमी है। जिसमें से 915 किमी हिस्सा ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट के आधार पर तैयार किया जा रहा है। इस एक्सप्रेस वे का प्लान मुख्य रूप से हादसों को रोकना और वाहनों को रफ्तार देना है।

टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल में इस एक्सप्रेस वे के कई नए खंडों का उद्घाटन किया था। मोदी ने 74।6 किमी लंबी डांगियावास-नागपुर हाईवे का उद्घाटन किया था। यह जोधपुर रिंग रोड-1 का हिस्सा है। यह खंड दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का एक खंड लोगों के लिए चालू हो चुका है। ये टूरिज्म के लिहाज से काफी फायदेमंद साबित होने वाला है।

सफर में समय की होगी बचत

इस एक्सप्रेस वे के बन जाने से अमृतसर से जामनगर के बीच की दूरी कम हो जाएगी। अभी वर्तमान में अमृतसर से जामनगर की दूरी 1430 किमी है। इस सफर को पूरा करने के लिए 26 घंटे का समय लगता है लेकिन इस एक्सप्रेस वे के बन जाने से जहां दूरी में कमी आएगी। वहीं समय घटकर आधा हो जाएगा। इसके बनने के बाद 1256 किमी की दूरी महज 13 घंटे में पूरी हो जाएगी।

यह एक्सप्रेस वे पंजाब से शुरू होकर हरियाणा और राजस्थान होते हुए गुजरात को जाएगी। साथ ही साथ ये दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे को भी कनेक्ट करेगी। इस एक्सप्रेस वे का सबसे बड़ा हिस्सा राजस्थान में होगा। जहां इसकी लंबाई कुल 636 किलोमीटर रहने वाली है। यह देश का सबसे लंबा इकोनॉमिक कॉरिडोर होने वाला है। इसके निर्माण में 80 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके बन जाने से चारों राज्यों में रोजगार के नए साधन उपलब्ध होंगे।

इस साल शुरू हुआ था काम

इस एक्सप्रेस वे का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा कराया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य साल 2019 में ही शुरू हुआ था। हालांकि इस साल इसका निर्माण कार्य पूर्ण होने की उम्मीद है।