खुशखबरी! मोदी सरकार का ये शानदार फैसला, किसानों को सीधे मिलेगा ये लाभ

 

The Chopal: देश की केंद्र सरकार ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में तीन बड़े अहम फैसले लिए, जो सीधे तौर पर किसानों से जुड़े हुए हैं. जानकारी के अनुसार, कैबिनेट ने इस बैठक में जैविक उत्पादों, बीजों और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तीन नई सहकारी समितियों की स्थापना करने का फैसला भी किया है. और खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति सीसीईए की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया.

वहीं, बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि किसान सहकारिताएं जो किसानों, किसानों की आय और कृषि उत्पादन से जुड़ी हुई हैं, ग्रामीण भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी हैं. उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने आज सहकारिता के क्षेत्र में तीन मुख्य फैसले भी लिए. उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने नेशनल एक्सपोर्ट सोसाइटी, नेशनल कोऑपरेटिव सोसाइटी फॉर ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स और नेशनल लेवल मल्टी-स्टेट सीड कोऑपरेटिव सोसाइटी की स्थापना को मंजूरी भी दी.

उनकी सभी जरूरतों को पूरा भी किया जाएगा

भूपेंद्र यादव ने कहा कि ये सहकारी समितियां ‘सहकार से समृद्धि’ (सहकारिताओं के माध्यम से समृद्धि) के लक्ष्य को साकार करने में भी मदद करेंगी और ग्रामीण विकास और किसानों की आय को बढ़ावा भी देंगी. वहीं, केंद्र के इस निर्णय से भारतीय सहकारी सीड को भी देश में प्रोत्साहन मिलेगा. इसके जरिए किसानों के बीज के लिए इसका उपयोग किया जाएगा. किसानों की सप्लाई चेन को ध्यान में रखते हुए उनकी सभी जरूरतों को भी पूरा किया जाएगा.

विकसित करने के लिए मिलकर कर रही काम 

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के साथ- साथ राज्य सरकारें भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए तरह- तरह की योजनाएं भी चला रहा हैं. पिछले हफ्ते ही केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा भी था कि कृषि देश का सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है और इसके विकास के लिए केंद्र से होने वाले वित्त पोषण की कोई बाधा भी नहीं आएगी. उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा था कि इस इलाके में जैविक खेती की संभावनाओं को देखते हुए केंद्र और पूर्वोत्तर राज्यों की सरकारें कृषि क्षेत्र को विकसित करने के लिए भी मिलकर काम कर रही हैं. उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना के अनुरूप इस शैक्षणिक संस्थान की स्थापना से अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के साथ अरुणाचल प्रदेश में कृषि शिक्षा और अनुसंधान के विकास को भी गति मिलेगी.

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