Karwa Chauth 2023: महिलायें भूलकर भी ना करें करवा चौथ दिन ये गलती, नहीं तो होगा सत्यानाश
The Chopal - कार्तिक मास की चतुर्थी के दिन करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र की कामना करने के लिए कठिन निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ का व्रत चंद्रदर्शन के बाद ही खोला जाएगा। इस दिन व्रत खोलने के लिए छलनी का इस्तेमाल किया जाता है। पति फिर पत्नी को अपने हाथों से पानी पिलाकर व्रत का पारण करता है।
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चंद्रदर्शन के बाद व्रत खुलता है
महिलाएं इस व्रत में सोलह श्रृंगार कर मां करवा की पूजा करती हैं। चंद्रदर्शन के बाद करवा चौथ का व्रत खोला जाता है।
करवा चौथ की विधि
ज्योतिष के अनुसार, करवा चौथ व्रत में कुछ नियम हैं, जिनका पालन नहीं करना आपके व्रत को कठिन बना देगा और कोई शुभ फल नहीं देगा। आइए इन नियमों को जानें।
नहीं पहनें काले और सफेद कपड़े
करवा चौथ व्रत में लाल रंग का विशेष महत्व है। इस लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ है। विवाहित महिलाओं को इस दिन सफेद या काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए।
मासाहार से बचें
इस दिन मांस, मछली, अंडा और कोई भी तामसिक भोजन नहीं खाना चाहिए। माना जाता है कि जो व्रती महिलाएं इस नियम का पालन नहीं करती हैं, वे व्रत का शुभ फल नहीं प्राप्त कर सकती हैं। व्रत खोलने के बाद सिर्फ सात्विक और शुद्ध भोजन खाना चाहिए।
ये चीजें नहीं देना
सुहाग की वस्तुओं को न फेंकें
सुहाग की वस्तुएं जैसे सिंदूर, चूड़ी और बिंदी को कूड़ेदान में नहीं फेंकना चाहिए। इन बातों को बहुत महत्व देना चाहिए। यदि ये कपड़े टूट जाएं तो किसी नदी या तालाब में डाल दें।
धारदार सामग्री का इस्तेमाल नहीं करें
किसी से बहस न करें
करवा चौथ व्रत का लाभ सिर्फ तब मिलता है जब व्रती अपना पूरा ध्यान ईश्वर की सेवा में लगाता है। आज किसी को अपशब्द मत कहो। करवा चौथ पर व्रत रखने वाली महिलाओं को किसी दूसरे से गलत बात करना या लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए।
देर तक सोने से बचें
व्रती करवा चौथ पर दिन में भी देर तक सोना नहीं चाहिए। इन दिनों भजन कीर्तन करने और शंकर-पार्वती का ध्यान करने का प्रयास करें।
Disclaimer:
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