इस कम्पनी की 20 लाख से ज्यादा गाड़ियों में हुई बड़ी गड़बड़ी, अब किया गया रिकॉल
 

इस कंपनी के ग्राहकों को एक महत्वपूर्ण समस्या का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी ने 10 से 20 लाख नहीं बल्कि पूरी 20 लाख गाड़ियों में इस समस्या को नोटिस किया है और अब इन गाड़ियों को वापस बुला रही है. आइये जानते हैं क्या समस्या है। 

 

New Delhi : टेस्ला ने कथित तौर पर दो मिलियन इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए एक रिकॉल ऑर्डर जारी किया है। यह रिकॉल यूएस में लागू किया गया है। रिकॉल का लक्ष्य ऑटोपायलट सिस्टम की खराबी को ठीक करना है, जो सुनिश्चित करता है कि चालक स्वयं-ड्राइव मोड में एक्टिव होने पर सड़क और यातायात की स्थिति के प्रति सतर्क रहे हैं।

ये पढ़ें - UP News : आलीशान रिसॉर्ट में हुआ विवाह, प्लेन से आई बारात, सुहागरात पर दुल्हन की इस बात से दूल्हे के उड़े होश

टेस्ला का ऑटोपायलट सिस्टम

टेस्ला का ऑटोपायलट प्रणाली काफी चर्चा में रहा है। ऑटोपायलट मोड भी अमेरिका में कई दुर्घटनाओं का कारण बन गया है। अमेरिका के राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन ने कई दुर्घटनाओं की जांच शुरू करने के लगभग दो वर्ष बाद रिकॉल आदेश जारी किया है। NHTSA ने अंततः पाया कि ऑटोपायलट द्वारा सक्रिय सेल्फ-ड्राइव मोड में ड्राइवर को सतर्क रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले फंक्शन फेल भी हो सकते हैं।

NHTSA ने क्या कहा?

ब्लूमबर्ग के अनुसार, NHTSA ने कहा कि ऑटोमैटिक टेक्नोलॉजी सेफ्टी में काफी मदद कर सकती है, लेकिन यह केवल तभी संभव है, जब इसे जिम्मेदारी से तैनात किया जाए और यह बिल्कुल सटीक फंक्शन करे। आज की कार्रवाई सेफ्टी को प्राथमिकता देकर ऑटोमैटिक सिस्टम में सुधार का एक उदाहरण है।

ऑटोपायलट सिस्टम की आलोचना

आपको बता दें कि ऑटोपायलट वाहन के आसपास के यातायात का आकलन करने के लिए टेस्ला वाहनों पर कैमरे और सेंसर का यूज करती है। यह वाहन को सुरक्षित लेन में रखने के लिए सड़कों पर लेन मार्करों पर भी नजर रखता है। हालांकि, टेस्ला ऑटोपायलट सिस्टम के आलोचकों ने लंबे समय से तर्क दिया है कि इसमें कुछ फॉल्ट है, भले ही कंपनी ने इस पर अलग तर्क दिया हो।

ये पढ़ें - UP के औद्योगिक गलियारे से जुड़ी बड़ी खबर, 13 हजार किसानों के खिले चेहरे

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने पिछले दिनों कहा था कि ऑटोपायलट ह्यूमन इरर की संभावना को नकारता है और इसलिए, एक व्यक्ति की तुलना में अधिक सुरक्षित हो सकता है। लेकिन, हर कोई आश्वस्त नहीं है। सेल्फ-ड्राइव तकनीक एक अत्यंत विवादास्पद विषय है और दुनिया के कई हिस्सों में कई रेगुलेटरी अप्रूवल के बीच है।