UP में इस प्रमाण पत्र के बिना नहीं बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस, बनवाने में अब एक और झंझट 
 

UP News : उत्तर प्रदेश में वाहन चालकों के लिए बहुत बड़ी अपडेट सामने आई है। अब यूपी में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदकों को देना होगा यह प्रमाण पत्र। इसके बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन प्रक्रिया पूरी होगी।

 

Driving Licence: उत्तर प्रदेश में वाहन चालकों को अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए यह सब काम करने होंगे। ड्राइविंग लाइसेंस के बगैर तो आप कुछ भी नहीं चला सकते। अगर चलते कहीं पुलिस की गिरफ्त में आए तो मोटा जुर्माना आपको भुगतना पड़ेगा। आपको बता दे की 40 वर्ष की उम्र पार कर चुके और भारी वाहन चलाने वालों को अब लर्निंग और कन्फर्म ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल प्रमाणपत्र देना आवश्यक होगा। इसके बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा। 40 वर्ष से कम आयु के लोगों को किसी भी लाइसेंस के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी।

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RTO से मिली जानकारी के अनुसार, लर्निंग लाइसेंस के बाद RTO में कन्फर्म लाइसेंस के लिए जाने पर आवेदक को फोटो खिंचवाने के लिए नैनी स्थित RTO कार्यालय में नामित डॉक्टर उपस्थित रहेंगे। मेडिकल जांच पूरी होने पर आवेदक को प्रमाणपत्र मिलेगा। आरटीओ कर्मचारी वहीं एप पर अपलोड करेंगे। एक अप्रैल से यह सेवा अपर परिवहन आयुक्त के निर्देश पर शुरू होगी। 

आरटीओ के संभागीय निरीक्षक प्रतीक मिश्र ने बताया कि अब आरटीओ ऑफिस में नियमित रूप से चिकित्सक उपस्थित रहेंगे, जो आवेदकों की जरूरी स्वास्थ्य जांच करेंगे, विशेषकर आंखों की जांच, और मेडिकल प्रमाणपत्र जारी करेंगे। हैवी लाइसेंस के लिए 20 वर्ष की आयु सीमा ही आवश्यक है। लर्निंग लाइसेंस और कन्फर्म लाइसेंस दोनों के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की आवश्यकता होगी।

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