उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब लागत से 10 गुना ज्यादा होगी कमाई 
 

UP News : उत्तर प्रदेश में किसानों को बड़ी खुशखबरी मिली है। यूपी में किसान बड़ी मात्रा मशरूम की खेती करते हैं। सोनभद्र में भी किसानों ने बड़ी मात्रा में मशरूम की खेती शुरू कर दी है। प्रशासन भी जिले में मशरूम की खेती और बिक्री का एक बड़ा केंद्र बनाने की तैयारी कर रहा है। इस केंद्र पर किसानों और स्वयंसेवी महिलाओं को प्रशिक्षण भी मिलेगा, साथ ही 40 से 50 प्रतिशत खेती की लागत का अनुदान भी मिलेगा।

 

Uttar Pradseh News : अब किसानों में मशरूम की खेती का चलन बढ़ रहा है। मशरूम की खेती में फसल लागत से 8 से 10 गुना अधिक लाभ मिलता है। वहीं सोनभद्र में भी किसानों ने बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती शुरू कर दी है। जिला भी मशरूम उत्पादन और बिक्री का एक बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। इस केंद्र पर किसानों और स्वयंसेवी महिलाओं को प्रशिक्षण भी मिलेगा, साथ ही 40 से 50 प्रतिशत तक खेती की लागत का अनुदान भी मिलेगा। DMF कोटे से जिले का पहला मशरूम यूनिट चैंबर बनाया जाएगा।

जिला अधिकारी चंद्र विजय सिंह ने उद्यान परिसर में मशरूम उत्पादन केंद्र का निरीक्षण किया और पाली हाउस तकनीक का उपयोग करने पर जोर दिया। उद्यान विभाग ने मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए स्वयंसेवी समूह की महिलाओं के साथ-साथ अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने की भी कोशिश की है। मशरूम को औद्योगिक परियोजनाओं और प्राथमिक स्कूल के मध्याह्न भोजन में भी उपयोग किया जाएगा। 

मशरूम उत्पादन केंद्र से किसानों की बढ़ेगी आमदनी

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत सोनभद्र जिले के राजकीय पौधशाला में 1000 वर्ग मीटर में मशरूम उत्पादन इकाई और जिला खनिज निधि का निर्माण किया जा रहा है। मशरूम इकाई में उत्पादन के लिए कंपोस्ट बैग तैयार कर लिए गए हैं और उत्पादन भी शुरू हो गया है, जिला उद्यान अधिकारी ने बताया। जिले का पहला मशरूम यूनिट चैंबर कृषकों को प्रशिक्षण देने के लिए बनाया गया है। यहाँ आम लोग तैयार मशरूम आसानी से खरीद सकते हैं। यह भी किसानों की आय को कई गुना बढ़ा देगा।

सुपर फूड है मशरूम

मशरूम का उत्पादन काफी आसान है. 2 किलो प्रति बैक मशरूम तैयार होता है। 32 क्विंटल मशरूम फिलहाल उत्पादन केंद्र पर 1600 बैग तैयार किए गए हैं। मशरूम में प्रोटीन, विटामिन बी कांप्लेक्स, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है। मशरूम प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। 

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की बढ़ी कमाई 

सोनभद्र जिले में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मशरूम उत्पादन में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस महीने समूह की प्रशिक्षित महिलाओं को शामिल किया गया है। मशरूम प्रोटीन से भरपूर होता है। इसलिए, जिलाधिकारी ने स्कूलों के माध्यम से बच्चों को मिड डे मील में उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं। अस्पतालों में मरीजों के भोजन में भी मशरूम को शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। मशरूम कुपोषण और एनीमिया को कम करने में सहायक है। इसके अलावा, महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ बेहतर आय का साधन भी खो जाएगा। मशरूम बनाने के लिए पाली हाउस तकनीक सबसे अच्छी है। किसी भी मौसम में पाली हाउस के जरिए किसी भी मौसम में मशरूम की फसल को उगाया जा सकता है.