UP के इस जिले में 574 गांवों की निकली खतौनी, रिपोर्ट लगा रहे लेखपाल, चूक गए तो होगी परेशानी
UP News : उत्तर प्रदेश के 574 गांवों की खतौनी को लेकर बड़ा अपडेट आया हैं। यूपी में रियल टाइम खतौनी अपलोड में हुई गलतियों को सुधारने का समय आ चुका हैं। उत्तर प्रदेश के 574 गांवों की खतौनियों का लेखा जोखा अब लेखपालों को दे दिया गया हैं। बता दे की लेखपालों को आदेश दिया गया हैं की सभी गांवों में जाकर सही पूछताछ व पड़ताल करके सही रिपोर्ट जारी करें। पढ़ें पूरी खबर-
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के 574 गांवों की खतौनी को लेकर बड़ा अपडेट आया हैं। यूपी में रियल टाइम खतौनी अपलोड में हुई गलतियों को सुधारने का समय आ चुका हैं। उत्तर प्रदेश के 574 गांवों की खतौनियों का लेखा जोखा अब लेखपालों को दे दिया गया हैं। यूपी में खतौनी को लेकर लेखपालों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यूपी के गोरखपुर में रियल टाइम खतौनी अपलोड करते समय हुई गड़बड़ी के संशोधन का अवसर अब मिला हैं। गोरखपुर में रियल टाइम खतौनी अपलोड करने में हुई गलतियों को सुधारने का मौका है।
आपको बता दे की 574 राजस्व गांवों की खतौनियां लेखपालों को तहसील कार्यालय से प्रेषित की गई हैं। उन्हें कहा गया है कि वे गांवों में जाकर पूछताछ करके सही रिपोर्ट दें। लेखपालों की जांच में कोई गलती मिली तो उनकी रिपोर्ट को संशोधित किया जाएगा। यदि गलती छूट गई तो भूस्वामी को कई साल तक मुकदमे का दंश झेलना पड़ सकता है। यूपी भूलेख पोर्टल का सर्वर स्लो होने के कारण कई बार रियल टाइम खतौनी बनाने की अंतिम तिथि को कई बार बढ़ा दी गई।
जब सर्वर शुरू हुआ, ऑपरेटरों ने इसे जल्दी से चलाने की कोशिश की, लेकिन खाताधारकों के नाम और अंशों में गलतियां मिली हैं, जबकि खतौनियों में मात्र 40% अंश निर्धारित हो पाया है। लेखपालों की रिपोर्ट के अनुसार, अब गलतियों को सुधारना होगा। इसके साथ ही, वे भूमि रजिस्ट्री के दस्तावेजों को देखेंगे और अंश का पता लगाएंगे। साथ ही, एक खाते के सभी भू स्वामियों के दस्तावेज मिलने पर ही इसमें सही रिपोर्ट बनाई जा सकती है।
बता दे की अधिकतर शहरी भू स्वामी अपने स्थान को नहीं जानते। तहसील परिसर के अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने बताया कि वास्तविक समय खतौनी एक अच्छी व्यवस्था है। खतौनियों की प्रतियां लेखपालों को दी गई हैं। लोगों को चाहिए कि यदि वे अपने क्षेत्र के लेखपाल गांवों में न गए हों तो खुद ही उनसे संपर्क करके अपनी संभावित जोखिमों को देखें।
तहसील सदर में 650 राजस्व गांवों की खतौनियों को वास्तविक समय पर बनाने का काम चल रहा है, लेकिन 86 गांवों की खतौनियों को पोर्टल पर दर्ज करने का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। अब भाग निर्धारण पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन कई खतौनियों में इतने पेंच उलझे हुए हैं कि लेखपालों को समझना मुश्किल हो रहा है। लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार पंकज ने बताया कि शहरी क्षेत्र में कई प्लाट हैं, जिनके मालिकों को खोजना मुश्किल है। रजिस्ट्री के दस्तावेज मिलने पर ही सही रिपोर्ट दी जा सकती है, लेकिन उनके पड़ोसी भी नहीं बता पा रहे हैं कि वे कहाँ रहते हैं।
तहसीलदार विकास सिंह ने बताया कि रियल टाइम खतौनी बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है और यूपी भूलेख सर्वर अब सही काम कर रहा है। 574 राजस्व गांवों के खतौनियों का प्रिंट संबंधित लेखपालों को भेजा गया है। उन्हें गांवों में जाकर खतौनियों की त्रुटियों को सही करने के साथ भागों का पता लगाने का आदेश दिया गया है।