Business Idea: इस फूल का बिजनेस कर देगा तंगी दूर, करोड़पति बनते नहीं लगेगा टाइम 

Business Idea - ये खबर आपके लिए है अगर आप भी कृषि क्षेत्र में कुछ नया करना चाहते हैं। वास्तव में, आज की इस खबर में हम आपको एक ऐसे औषधीय गुणों वाले पौधे की बात करेंगे जिसके सभी हिस्से बिक्री पर हैं। यह बताने के लिए कि इसकी व्यापक मांग है-

 
Business Idea: इस फूल का बिजनेस कर देगा तंगी दूर, करोड़पति बनते नहीं लगेगा टाइम 

The Chopal, Business Idea - आजकल किसानों ने पारंपरिक खेती को छोड़कर नकदी फसल की ओर रुख किया है, जो उनकी आय को कई गुना बढ़ाता है। हम आज की इस खबर में एक ऐसे औषधीय गुणों वाले पौधे की बात कर रहे हैं जिसके सभी हिस्से बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। हम गुलखैरा खेती (Gulkhaira Farming) के बारे में बता रहे हैं, जो किसानों को लाभ देती है। इस पौधे की जड़, तना, पत्तियां और बीज बिक रहे हैं। आपको भीड़ से अलग सपना देखना होगा अगर आप नई ऊंचाई पर पहुंचना चाहते हैं। (एक कृषि उद्यम का विचार)

गुलखैरा के पौधे की एक विशेषता है कि आप इसे किसी भी फसल के बीच लगाकर मुनाफा कमा सकते हैं। गुलखैरा सबसे आम दवा है। यही कारण है कि गुलखैरा के फूल की खेती से किसान आसानी से अधिक पैसे कमा सकते हैं। (किस तरह मैं अपना व्यवसाय चलाऊँ) 

गुलखैरा से पैसे कैसे मिलेंगे?

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गुलखैरा 10,000 रुपये प्रति क्विंटल बिकता है। एक बीघे से पांच क्विंटल गुलखैरा निकलता है। यही कारण है कि एक बीघे में आसानी से 50,000 से 60,000 रुपये कमाई कर सकते हैं। गुलखैरा की एक विशेषता है कि एक बार बुवाई करने के बाद बाजार से बीज दूसरी बार नहीं खरीदना पड़ता है।

इन्हीं फसलों के बीज को फिर से बोया जा सकता है। नवंबर महीने में गुलखैरा की बुवाई की जाती है। अप्रैल से मई तक फसल तैयार होती है। फसल तैयार होने के बाद अप्रैल-मई के महीने में पौधों का तना और पत्तियां सूख जाते हैं और खेत में ही गिर जाते हैं। जो बाद में जुटाया जाता है।

गुलखैरा का उपयोग:

यूनानी दवाओं में गुलखैरा के फूल, पत्तियों और तने का बहुत उपयोग होता है। इसका उपयोग मर्दाना ताकत की दवाओं में किया जाता है। इसके अलावा, इस फूल से बुखार, खांसी और अन्य रोगों की औषधियां बनाई जाती हैं। शरीर की शक्ति और प्रतिरक्षा भी इन औषधिओं से बढ़ती है।

गुलखैरा की खेती कहाँ सबसे अधिक होती है?

इसका सर्वाधिक उत्पादन पाकिस्तान और अफगानिस्तान में होता है। लेकिन अब इसकी खेती भारत में भी धीरे-धीरे हो रही है। इसकी खेती उत्तर प्रदेश के कई जिलों में की जाती है, जैसे कन्नौज, हरदोई और उन्नाव। इसका उत्पादन किसान करते हैं और हर साल अच्छी कमाई करते हैं। ये खेती अब भारत में लोकप्रिय हो रही है।