मुर्गी फार्म से रोजाना 8000 अंडे का उत्पादन, इस नस्ल ने किया कमाल
The Chopal, Correct Method Of Rearing Poultry : बिहार के छपरा जिले में युवा बिजनेस को लेकर काफी सक्रिय है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति शानदार बनती जा रही है। वहीं गरखा प्रखंड के जानकी नगर गांव में रहने वाले उपेंद्र राय ने मुर्गी पालन के माध्यम से डबल कमाई कर रहे है।बता दे कि, उपेंद्र ने उत्तर प्रदेश में कृषि और जयप्रकाश विश्वविद्यालय से हिस्ट्री ऑनर्स की पढ़ाई करने के बाद अपने गांव में एक विशिष्ट मुर्गी फार्म खोला है। उन्हें प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत 35 लाख रुपये का लोन लेकर एक बार में 10,000 मुर्गियां पालने वाली इस फार्म की शुरुआत की।
उपेंद्र राय ने बताया कि उनके फार्म से प्रतिदिन 8,000 से अधिक अंडे का उत्पादन किया जाता है, जिसे बेचकर अच्छी कमाई हो रही हैं। इसके साथ ही मुर्गियों की बिक्री से दोगुना पैसा मिलता है। इसके साथ साथ उपेंद्र ने इस खेत से चार लोगों को रोजगार दिया है, जिससे उनका जीवन यापन अच्छे से चल रहा है।
उपेंद्र ने बताया कि पढ़ाई के बाद काम नहीं मिलने पर प्रधानमंत्री योजना से लोन लेकर मुर्गी का पालन कर रहे है। उन्होंने पहले प्रशिक्षण लिया और चार अनुभवी कर्मचारियों को रखा क्योंकि बिना अनुभव के इस बिजनेस में नुकसान हो सकता था। देखभाल और अनुभव इस बिजनेस में बहुत जरूरी हैं।
उपेंद्र फार्म में पाली गई असील नस्ल की मुर्गियां तीन महीने के बाद अंडे देना शुरू कर दिया हैं और 18 महीने तक निरंतर अंडे देती रहती हैं। यह नस्ल अंडे देने और स्वास्थ्य के लिए काफी फेमस मानी जाती है। उन्हें मक्का, टॉनिक और दवा देकर उचित देखभाल और पोषण मिलता है।
उन्होंने बताया कि मुर्गियों का उत्पादन और सेहत का नियमित रूप से देखभाल करनी चाहिए। इसके लिए उपेंद्र ने विशेषज्ञों से सलाह लेकर पोषक तत्वों और दवाइयों का शानदार मिश्रण अपनाया है। इससे मुर्गियां स्वस्थ रहती हैं और नियमित अंडे का उत्पादन होता है।
इससे उपेंद्र राय ने न केवल अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, बल्कि चार अन्य लोगों को नौकरी देकर एक सामाजिक योगदान दिया है। उनकी यह पहल युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित कर रही है।