Income Tax : खेती ऐसे आपका मोटा टैक्स बचा देगी, आयकर नियम जानकर खुशी से झूम उठेंगे
THE CHOPAL - आपको कुछ खास परिस्थितियों में खेती की जमीन बेचने और उससे हुई कमाई पर भी आपको टैक्स भी देना पड़ सकता है। अमूमन ऐसा होता नहीं है जैसा कि हम देखते भी हैं। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के मुताबिक खेती की जमीन कैपिटल एसेट के दायरे में भी नहीं आती, जबतक कि कुछ शर्तें इससे न जुड़ी हों। इसमें पहली शर्त तो यही है कि वह जमीन किसी निगम या कैंटोनमेंट के अधिकार क्षेत्र में नहीं आनी चाहिए। निगम या कैंटोनमेंट जिसकी आबादी 10,000 से कम भी नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसी बातें हैं और ऐसे क्षेत्र में खेती की जमीन है जिसे बेच रहे हैं, तो उस पर टैक्स देना पड़ेगा।
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दूसरी शर्त ये है कि खेती की जमीन निगम या कैंटोनमेंट बोर्ड जिसकी आबादी 10,000 से 10 लाख तक हो, उसके सीमा क्षेत्र से 2 किमी से 8 किमी के दायरे में नहीं होनी चाहिए। खेती की जमीन से अगर यह शर्त जुड़ती है तो उसे बेचने पर आपको टैक्स देना होगा और यह टैक्स कैपिटल गेन के आधार पर लगेगा।
इन शर्तों का रखें ध्यान-
ऊपर बताई गई दोनों शर्तें अगर आपकी खेती की जमीन से नहीं जुड़ती हैं और उसे आप बेचते हैं, तो कोई टैक्स नहीं देना होगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत ऐसी जमीन कैपिटल एसेट के दायरे में नहीं आएगी। साधारण बातों में कहें तो गांव में अपनी कोई खेती की जमीन बेची जाए जिसका ताल्लुक न निगम से हो और न ही कैंटोनमेंट बोर्ड से, तो उस पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा। अगर कोई जमीन निगम या कैंटोनमेंट बोर्ड की शर्तों में आती है, तो वह कैपिटल एसेट में आएगी। इसे बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट के हिसाब से टैक्स लगेगा अगर जमीन की होल्डिंग 24 महीने से ज्यादा दिनों की है। लेकिन इसके बावजूद आप चाहें तो जमीन की बिक्री पर टैक्स बचा सकते हैं।
ऐसे बचा सकते हैं टैक्स-
इसके लिए आपको सेक्शन 54B की मदद लेनी होगी। यह धारा कहती है कि अगर आपने कोई खेती की जमीन बेची जो कैपिटल एसेट के दायरे में आती है, तो उस पर टैक्स बचाने के लिए बिक्री के पैसे से 2 साल के भीतर दूसरी खेती की जमीन की खरीद लें। अगर आप इस पैसे से दूसरी खेती की जमीन नहीं खरीद पाए तो उस पैसे को सेक्शन 139 के तहत टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले किसी स्पेसिफाइड कैपिटल गेन अकाउंट स्कीम में निवेश करना होगा। यह स्कीम ऑथराइज्ड बैंकों में चलाई जाती है जहां आप बिक्री का पैसा निवेश कर सकते हैं।
दूसरी प्रॉपर्टी लेना भी एक उपाय-
खेती की जमीन पर टैक्स बचाने के लिए बिक्री के पैसे को किसी बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं। यह निवेश जमीन बेचे जाने के छह महीने के भीतर किया जाना चाहिए। इससे बिक्री के पैसे पर मिले कैपिटल गेन पर टैक्स बचाया जा सकता है। एक वित्त वर्ष में 50 लाख रुपये तक की राशि पर टैक्स छूट क्लेम किया जा सकता है। खेती की जमीन के पैसे का इस्तेमाल एक खास अवधि के भीतर रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदने में लगाया जाए, तो भी टैक्स बचाया जा सकता है। लेकिन यह छूट तभी मिलेगी जब किसी पहली रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की खरीद में पैसा लगे। पहले से कोई ऐसी प्रॉपर्टी होगी तो टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलेगा।