क्या पार्ले-जी का है कोई जुगाड़, 30 साल में बढ़ा सिर्फ एक ही रुपया, जाने क्या है बड़ी वजह

पार्ले-जी देश में सबसे लोकप्रिय बिस्किट है। यह भारत सहित चीन में भी बहुत लोकप्रिय है। कम्पनी का अपना छोटा पैकेट मूल्य नहीं बदलना इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है।
 

The Chopal (New Delhi) : पार्ले जी का इतिहास लगभग एक शताब्दी पुराना है। इस देश के हर कोने में मिल सकता है। कुछ लोगों का दावा है कि पार्ले-जी चीन में सबसे ज्यादा बेचा जाता है। ज़ाहिर है, पार्ले-जी का जाना-माना स्वाद उसकी लोकप्रियता का एक महत्वपूर्ण कारण है; इसके अतिरिक्त, इसका स्वाद इसे बिस्किट उद्योग में अविश्वसनीय विजेता बनाता है। वह है इसकी लागत। 1994 में, पार्ले-जी का सबसे छोटा पैक 4 रुपये का था। 2024 में, सबसे छोटा पैक 5 रुपये का है।

30 साल में कंपनी ने अपने उत्पादों की कीमत सिर्फ 1 रुपये बढ़ाई है। लेकिन कंपनी ने ऐसा कैसे किया? क्या वह घाटा उठाकर लोगों को सस्ता बिस्किट बेच रही है? यह कुछ प्रश्न हैं जो अब आपके मन में उठ रहे होंगे। हम सभी जानते हैं कि कोई भी कंपनी खुद को नुकसान में डालकर कुछ नहीं करती है। वह कुछ समय के लिए ऐसा कर सकता है, लेकिन 30 साल तक ऐसा नहीं हो सकता। पार्ले-जी ने ऐसा कैसे किया?

पार्ले क्या किया?

स्विगी के डिजाइन डायरेक्टर सप्तर्षि प्रकाश ने लिंक्डिन में एक पोस्ट में इसके कारण बताया है। उनका दावा था कि स्विगी ने मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया का इस्तेमाल किया। उनका कहना था कि छोटे पैकेट की भावना किसी व्यक्ति के मन में इतनी गहरी होती है कि जो पैकेट हाथ में फिट हो जाए, वह छोटा पैकेट है। उसने कहा कि पार्ले ने इस पैकेट को धीरे-धीरे छोटा किया और मूल्य को पुराने ही रखा। गौरतलब है कि छोटे पैकेट की वजह से कंपनी कीमतों को बरकरार रखने में सफल रही।

वजन कम करने के विभिन्न उपाय

प्रकाश ही बताता है कि पार्ले-जी का पहला 100 ग्राम का छोटा पैकेट था। इसे फिर कम करके 92 ग्राम कर दिया गया। बाद में यह 88 ग्राम था, और पार्ले-जी आज 55 ग्राम है। वह बताते हैं कि 1994 से अब तक पार्ले-जी के वजन में 45 प्रतिशत की कमी आई है। उसने कहा कि अन्य FMCG कंपनियां भी इस ट्रिक का उपयोग करती हैं। प्रकाश ने कहा कि इसे ग्रेसफुल डिग्रेशन कहा जाता है।

पार्ले-जी का मालिक कौन है?

पार्ले-जी Products के चेयरमैन और MD विजय चौहान हैं। वह और उनका परिवार इस संस्था को चलाते हैं। पार्ले उत्पादों में से एक पार्ले ग्रुप था, जो तीन अलग-अलग कंपनियों में विभाजित था। यह कंपनी पार्ले-जी के अलावा मेलोडी, मैंगो बाइट, मैजिक्स और पॉपिन्स बनाती है। वहीं, पार्ले एग्रो फ्रूट ड्रिंक्स प्रदान करता है। जैसे ऐप्पी फिज और फ्रूटी। नाम से स्पष्ट है कि पार्ले बिस्लेरी कंपनी का मालिक है, इसलिए तीसरा हिस्सा पार्ले बिस्लेरी है। बंटवारे के बाद चौहान परिवार के अलग-अलग सदस्य तीनों कंपनियां चला रहे हैं।

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