New MSP Bhav: किसानों के लिए बड़ी खबर, गेहूँ धान सहित इन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़े, पढ़ें विशेष रिपोर्ट  

 

The Chopal, नई दिल्ली:  जैसा की आप जानते है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) वह मूल्य है जिस पर भारत सरकार किसानों से कोई फसल खरीदती है। यह किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है जो यह सुनिश्चित करता है कि किसान अपनी उपज का न्यूनतम मूल्य प्राप्त हो, भले ही बाजार मूल्य उस स्तर से नीचे तक गिर जाए। बता दे कि आज, 9 मार्च 2023 को, भारत सरकार ने विभिन्न फसलों के लिए MSP पर एक नए अपडेट की घोषणा की।

मिले नए अपडेट के अनुसार, धान के लिए MSP में रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अब धान 72 रुपये प्रति क्विंटल, बढ़ा कर 2,815 प्रति क्विंटल। इसी तरह, गेहूं के लिए MSP में 50 रुपये प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी की गई है। गेहूँ का नया भाव 2,080 प्रति क्विंटल। दलहन, तिलहन और कपास के MSP में भी अलग-अलग मात्रा में बढ़ोतरी भी की गई है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और इन फसलों की खेती को बढ़ावा देना भी है।

बता दे कि MSP प्रणाली भारत में 1960 के दशक में शुरू की गई थी, और पिछले कुछ वर्षों में इसमें कई बड़े बदलाव हुए हैं। बुवाई के मौसम से पहले सरकार द्वारा MSP की घोषणा की जाती है, और यह किसानों के लिए एक मार्गदर्शक मूल्य के रूप में कार्य भी करता है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए खरीद सहायता भी प्रदान करती है कि किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित MSP प्राप्त हो।

MSP प्रणाली की कुछ विशेषज्ञों द्वारा आलोचना भी की गई है जो तर्क देते हैं कि यह बाजार को विकृत करता है और कुछ फसलों के अतिउत्पादन को प्रोत्साहित करता है। हालांकि, MSP प्रणाली के समर्थकों का तर्क है कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसानों के लिए सुरक्षा जाल प्रदान करना जरूरी है।

MSP पर नया अपडेट किसानों के लिए एक स्वागत योग्य कदम भी है, क्योंकि यह उन्हें उनकी फसलों के लिए बेहतर रिटर्न प्रदान करेगा। इससे इन फसलों की खेती को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद भी है, जिससे देश में कृषि उत्पादकता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

अंत में, न्यूनतम समर्थन मूल्य भारत सरकार के लिए यह सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण नीतिगत उपकरण भी है कि किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य भी मिले। विभिन्न फसलों के लिए एमएसपी पर नया अपडेट किसानों के लिए एक सकारात्मक विकास है और यह देश में कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने में मदद भी करेगा।

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