Onion Price Hike : कुछ ही समय में प्याज के रेटों में आया भारी उछाल, जानिए कीमतों में तेजी की वजह 

Onion Price Hike : सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर लगाई गई पाबंदी के कुछ ही घंटों बाद कीमतें तेजी से बढ़ने लगी हैं। केंद्र सरकार ने दिसंबर में निर्यात पर पाबंदी लगाई थी ताकि प्याज की बढ़ती कीमत पर नियंत्रण रख सके। अब सरकार ने इस नियम को हटा दिया है। लेकिन इस विषय में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है..

 

The Chopal, Onion Price Hike : केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगाई गई पाबंदी के कुछ ही घंटों बाद कीमतें तेजी से बढ़ने लगी हैं। नासिक की लासलगांव मंडी में प्याज की कीमत 40 प्रतिशत तक बढ़ गई है। केंद्र सरकार ने निर्यात से प्रतिबंध हटाने का कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है।

राज्य मंत्री और नासिक ग्रामीण से सांसद भारती पवार ने बताया कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हुई मंत्रियों की बैठक में प्याज के निरीक्षण पर पाबंदी को हटाने का निर्णय लिया गया। खुदरा बाजार भी प्याज की कीमतों में तेजी से प्रभावित होने लगा है।

2,100 रुपये प्रति सप्ताह की बिकी प्याज —

मीडिया में निर्यात से पाबंदी हटाने की खबर के बाद शनिवार को लासलगांव में प् याज की औसत कीमत 1,280 रुपये प्रति क्विंटल से 1,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। सोमवार को मंडी में करीब 10,000 क्विंटल प्याज बेचे गए। उस समय, प्रति क्विंटल 1000 रुपये का न्यूनतम थोक मूल्य था, जबकि 2,100 रुपये का न्यूनतम थोक मूल्य था। कृषि उत्पादन बाजार कमिटी (APMC) के एक अधिकारी ने बताया कि कृषि उत्पादकों ने विदेशी बाजार में बिक्री करने के लिए कृषि खरीदना शुरू कर दिया है। 

कीमत में तेजी क्यों आई?

केंद्र सरकार ने दिसंबर में निर्यात पर पाबंदी लगाई थी ताकि प्याज की बढ़ती कीमत पर नियंत्रण रख सके। अब सरकार ने इस नियम को हटा दिया है। लेकिन इसके बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन केंद्रीय मंत्री भारती पवार ने इससे संबंधित सूचना दी। देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में कीमतें इस खबर से प्रभावित हुईं। निर्यात पर लगी पाबंदी हटने से निर्यात ने प्याज खरीदना शुरू कर दिया है। इसका प्रभाव बाजार कीमत पर देखा जाता है।

पाबंदी लगाने का कारण-

चुनावी वर्ष में घरेलू बाजार में प्याज की कीमत रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने के बाद सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगा दी थी, ताकि कीमत नीचे आए। सरकार का यह निर्णय 7 दिसंबर से 31 मार्च 2024 तक लागू था। थोक और खुदरा प्याज की कीमतों में गिरावट आई है। अब सरकार ने 31 दिसंबर 2024 की तिथि से पहले ही निरीक्षण पर लगाए गए बैन को हटाया है।

बंद करने का कारण-

प्याज उत्पादकों और व्यापारियों ने इस निर्णय से असंतोष जताया था। उनका कहना था कि उन्हें सरकार की इस कार्रवाई से बहुत नुकसान हो रहा है। किसानों ने कहा कि वे उत्पादन लागत भी नहीं चुका पा रहे हैं। कुछ लोगों ने नरिमत पर लगे प्रतिबंध को लोकसभा चुनावों के कारण बताया है।

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