Property Registry : पैसे देने के बाद भी नहीं करवा रहा जमीन मकान बेचने वाला रजिस्ट्री, तो यह कानून करेगा मदद

बेचने वाला व्यक्ति अक्सर संपत्ति का पूरा सौदा होने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं करता।इस समस्या से निपटने के लिए कानून है।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

 

The Chopal, Property Registry : लोग संपत्ति खरीदने में अपनी मेहनत की कमाई, जमा पूंजी सब कुछ लगा देते हैं। लेकिन खरीददार अक्सर संपत्ति खरीदते समय विक्रेता से परेशान होते हैं। बेचने वाला व्यक्ति अक्सर संपत्ति का पूरा सौदा होने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं करता। इस समस्या से निपटने के लिए कानून है।हम इस लेख में आपको बताएंगे कि अगर संपत्ति बेचने वाला पूरा सौदा होने के बाद भी उसकी रजिस्ट्री करने से इनकार कर रहा है तो इस समस्या से निपटने के लिए क्या कानूनी उपाय हैं-

सिविल और आपराधिक मुकदमे हैं-

जब कोई माल बेचता है, तो उसे खरीददार से पूरा पैसा लेने के बाद उसे माल पर लिखित मालिकाना हक देना होगा, यानी माल की रजिस्ट्री कराना होगा। लेकिन संपत्ति बेचने वाले पैसे लेकर भी यह कानूनन अपराध है अगर संपत्ति की रजिस्ट्री करने में देरी करता है या उसे झूठे वादे करके टालता है। ऐसे मामलों का समाधान सिविल और आपराधिक मुकदमों से होता है। इस तरह के मामलों से निपटने के लिए 1860 की भारतीय दंड संहिता में विशेष प्रावधान शामिल हैं। आईपीसी की धारा 406 और 420 इसकी सजा दे सकती हैं।

IPC की धारा 406—

इस धारा के अनुसार, किसी के धन या संपत्ति को गलत तरीके से या छल करके हड़पना या गबन करना (जिसे खयानत भी कहते हैं) अपराध है। इसके तहत दोषी को तीन वर्ष की सजा मिल सकती है।

IPC की धारा 420

इसी धारा के तहत झूठ बोलना, फर्जीवाड़ा करना, छल-कपट करना या ऐसे ही अन्य तरीकों से संपत्ति या धन चुराना दंडनीय है। पीड़ित व्यक्ति इस धारा के तहत मामला दर्ज करा सकता है अगर संपत्ति के मालिक पैसे लेकर रजिस्ट्री नहीं करता है। व्यक्ति को इस धारा के तहत दर्ज मामले के बाद भी कड़ी सजा का प्रावधान है।

पेशेवर सलाह लें-

वास्तव में, संपत्ति का भुगतान करने के बाद भी रजिस्ट्री न करने के मामले में आपको किसी पेशेवर वकील की सलाह लेनी चाहिए। इससे आपका पक्ष मजबूत होगा और कानूनी उलझनों से निपटने में मदद मिलेगी।

ये पढ़ें - Extramarital affair : अफेयर की वजह से बहनोई के साथ भाग गई पत्नी, जाते जाते कही ये बात