RBI ने पहली बार की थी इस नोट की छपाई, जानिए किसकी लगी थी तस्वीर 

RBI - राष्ट्रीय रिजर्व बैंक को भारतीय मुद्रा जारी करने का अधिकार है। उसके नोट ही मान्य होते हैं। भारतीय करेंसी के रंग और डिजाइन में पिछले कुछ वर्षों में काफी बदलाव हुआ है। इसलिए आज की रिपोर्ट में हम जानेंगे कि आरबीआई ने कब पहली बार नोट छापा था और किसकी तस्वीर लगाई थी। 

 

The Chopal, New Delhi : राष्ट्रीय रिजर्व बैंक रंगीन भारतीय मुद्रा जारी कर सकता है। उसके नोटों को ही मानना चाहिए। भारतीय करेंसी के रंग और डिजाइन में पिछले कुछ वर्षों में काफी बदलाव हुआ है। भारत में सबसे अधिक नकदी लेन-देन हुआ है।

हालाँकि, लोग धीरे-धीरे डिजिटल भुगतान करने लगे हैं। लेकिन देश में एक बड़ा तबका अभी भी कैश में लेनदेन करता है। हम सब दिन-प्रतिदिन नोटों का उपयोग करते हैं, लेकिन क्या हम जानते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कितने रुपये की पहली नोट छापी थी? मैं जान लेता हूँ।

वर्तमान में देश में 2,000, 500, 200, 100, 50, 20, 10, 5, 2 और 1 रुपये के नोटों का चलन है। 2016 में हुई नोटबंदी के बाद एक हजार के नोट चलन से बाहर हो गए।

छापने के नियम:

1956 से, रिजर्व बैंक करेंसी नोटों को "मिनिमम रिजर्व सिस्टम" के तहत छापता है। इस नियम के अनुसार, करेंसी नोट बनाने के खिलाफ हमेशा न्यूनतम 200 करोड़ रुपये का जमा रखना आवश्यक है। रिजर्व बैंक इसके बाद ही करेंसी नोट बना सकता है।

पहली टिप्पणी में मूल्य-

1 अप्रैल, 1935 को भारतीय रिजर्व बैंक का गठन हुआ था। आजादी से पहले देश में रिजर्व बैंक बनाया गया था। आरबीआई ने अपनी स्थापना के तीन साल बाद 1938 की जनवरी में 5 रुपये का पहला करेंसी नोट जारी किया। इस नोट पर किंग जॉर्ज VI की फोटो थी। मतलब, रिजर्व बैंक ने अपनी पहली करेंसी 9 साल पहले जारी की थी। मार्च में 10 रुपये के नोट, जून में 1,000 रुपये और 10,000 रुपये के नोट जारी किए गए।

आजादी के बाद भारत का पहला रुपया

1949 में, रिजर्व बैंक ने 1 रुपया का पहला करेंसी नोट बनाया। 1947 तक, रिजर्व बैंक ने ब्रिटिश किंग जॉर्ज की तस्वीर नोटों पर छापी। 1969 में, राष्ट्रपति गांधी की तस्वीर वाले 100 रुपये के नोट पहली बार रिजर्व बैंक ने जारी किए।

भारतीय रुपया (INR) एक भारतीय मुद्रा है। 100 पैसे भारतीय रुपया है। ₹ भारतीय रुपये का प्रतीक है। देवनागरी अक्षर (र) इस डिजाइन का मूल है। हमने पहले रुपये को प्रीतक के तौर पर रु. लिखा था।

ये पढ़ें - Supreme Court ने चेक बाउंस को लेकर सुनाया बड़ा फैसला, कही ये बात