RBI जारी करने वाला है प्लास्टिक के नोट! संसद में सरकार ने दी जानकारी

Indian Money : आज देश में सिक्के और नोट दो प्रकार की currancy चलती हैं। अधिकतर लोगों को पता नहीं है कि हमारे प्रयोग में आने वाले नोटों में एक विशिष्ट प्रकार का कॉटन प्रयोग किया जाता है, लेकिन आपको पता है कि प्लास्टिक के नोट बहुत सारे देशों में उपयोग किए जाते हैं, इसलिए हमारी सरकार भी जल्द ही इसे लागू करने वाली है। क्या इसके लाभ और नुकसान हैं? आइए जानें 

 

The Chopal, Indian Money : 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्लास्टिक के नोटों पर एक अध्ययन शुरू किया था क्योंकि बहुत से देशों में कागज़ के नोट नहीं चलते हैं। इन नोटों की उत्पत्ति को लेकर इसके बाद से बार-बार चर्चा होती रही है और अब फिर से चर्चा होने लगी है। हालाँकि, सरकार ने कहा कि प्लास्टिक नोटों की खरीद नहीं की है। भ्रष्ट नोटों को नियंत्रित करने की कोशिश के दौरान ऐसी अटकलें थीं कि सरकार प्लास्टिक नोट बना सकती है। आज बहुत से देशों में प्लास्टिक के नोट स्वीकार किए जाते हैं। इन नोटों के कई फायदे हैं, लेकिन कुछ नुकसान भी हैं | आइये इनके बारे में अधिक जानें। 

प्लास्टिक नोट क्या आने वाले हैं?
सरकार ने प्लास्टिक नोट लाने का कोई निर्णय नहीं लिया है, जैसा कि मंगलवार को राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया। राज्यसभा में लिखित उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि नकली करेंसी और बैंक नोटों की ड्यूरेबिलिटी को नियंत्रित करने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। मंत्री ने आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, "2022–2023 के लिए सिक् योरिटी प्रिंटिंग पर कुल खर्च 4,682.80 करोड़ रुपये था।" प्लास्टिक नोटों की छपाई बिल्कुल मुफ्त है।चौधरी ने एक अन्य प्रश्न पर कहा कि क्रिप्टो एसेट्स सहित किसी भी प्रकार की संपत्ति का उपयोग करके अवैध वस्तुओं का व्यापार करना गैरकानूनी है। वर्तमान दंडात्मक प्रावधान इससे निपटा जाता है।

ऐसे नोट किस देश में चलते हैं?

प्लास्टिक नोट लगभग 23 देशों में चलते हैं। इनमें से छह देशों ने प्लास्टिक के नोटों का प्रयोग किया है:

साल: ऑस्ट्रेलिया (पहला देश) 1988; न्यूजीलैंड 1999; रोमानिया 2005; पापुआ न्यू गिनी 1975; वियतनाम 2003; ब्रुनेई 2004

प्लास्टिक नोटों के साथ कागज के नोट भी चलते हैं: ब्राजील, चीन, हांगकांग, इंडोनेशिया, इजरायल, लेबनान, मलेशिया, मैक्सिको, नेपाल, निकारागुआ, पोलैंड, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, यूक्रेन, उरुग्वे।

प्लास्टिक नोटों का लाभ है कि वे टिकाऊ हैं और जल्दी नहीं खराब होते।

- गंदगी और नमी से बचे रहते हैं
- उन्हें जाली बनाना कठिन है।

प्लास्टिक नोटों के नुकसान: ये कागज के नोटों से अधिक महंगे हैं।

- उन्हें रीसाइकिल करना कठिन है।
- पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

भारत में चर्चा की शुरुआत कब हुई?

2018 में, भारतीय रिजर्व बैंक ने प्लास्टिक के नोटों पर एक अध्ययन शुरू किया था। भारत ने इसे शुरू करने की संभावनाओं को देखा है।

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