Sariya Cement Rate: घर बनाने वालों को लगा झटका, सीमेंट, सरिया सहित इन चीजों में आया उछाल

Sariya Cement Rate: महंगाई की मार से अपना घर बनाना चाह रहे लोगों की राह अब और मुश्किल हो गई है। दरअसल भवन निर्माण सामग्री (ईंट रोड़ी सीमेंट और सरिया) के दामों में तेजी आ गई है। सीमेंट के दाम के साथ सरिया के भाव भी 10 रुपये प्रति किग्रा तक बढ़े हैं।
 

The Chopal, Sariya Cement Rate : घर बनाने वाले लोग महंगाई से सीमेंट और रेत के साथ साथ लोहा खरीदना भी महंगा पड़ रहा हैं। सबसे ज्यादा महंगाई ईंट, सीमेंट समेत भवन निर्माण सामग्री में देखने को मिल रही है।

अलग-अलग ब्रांड के सीमेंट के भाव में उछाल देखने को मिला हैं। नदियों में खनन न होने से रेत, बदरपुर और डस्ट की कीमतों में भी पहले से बढोतरी दर्ज हुई है। ईंटें एक हजार रुपये प्रति हजार के हिसाब से महंगी हुई हैं।

सरिये के दाम में भी प्रति क्विंटल का उतार चढ़ाव जारी है। रेत 10 रुपये प्रति घन फीट तक महंगा और बदरपुर के दाम आठ रुपये तक बढ़े हैं। सरिया के भाव भी 10 रुपये प्रति किग्रा तक बढ़े हैं।

बिल्डिंग मैटेरियल के दाम रुपये में

मैटेरियल जून से अब तक

  • रेत घन फुट 25–30
  • बदरपुर घन फुट - 60
  • बदरपुर डस्ट लाल 50 –60
  • रोडी आधा ईंटी 55 –60
  • रोडी जीरो 50– 60
  • सरिया सेल 12 एमएम प्रति किग्रा 47– 55
  • राधिका सरिया 12 एमएम प्रति किग्रा 50 –52
  • एंगल प्रति किग्रा 45– 50
  • सरिया बांधने वाला तार प्रति किग्रा 50 –53
  • ईंटों के दाम प्रति हजार
  • ईंट का प्रकार जून अब
  • लाल पेटी 5000–6000
  • ईंट अव्वल 6500 –7500
  • ईंट टाइल्स 6500–7000

सीमेंट के दाम 50 किग्रा

  • ब्रांड जून अब
  • एसीसी 360–380
  • अंबुजा 365–390
  • अल्ट्राटेक 380–400
  • श्री 320–340
  • जेके लक्ष्मी 320–340


सामग्री के बढ़े दाम प्रतिशत में

  • ईंट 20.00
  • सीमेंट 7.5
  • सरिया 18.00
  • रेत 33.00

दाम बढ़ने से बिक्री पर पड़ रहा असर

भवन निर्माण की सामग्री के दाम बढ़ने से बिक्री पर असर पड़ रहा है। ईंट और बदरपुर के अलावा सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा अन्य सामग्रियों के दाम भी कुछ बढ़े हैं। - सुमित गोयल, कारोबारी

घर बनाने में पसीने छूट रहे हैं। घर बनाने में इस्तेमाल होने वाली सभी सामग्री महंगी हैं। सीमेंट से लेकर रेत, ईंट, लोहा हर चीज महंगी है। शुरूआत में सरिया खरीदा था अब महंगा हो गया है। महंगाई के चलते बजट बिगड़ रहा है, जिससे काम को सीमित कर दिया है। - सुनील पाल, फ्री होल्ड सेक्टर 23