निर्यात प्रतिबंध के बाद भी गेहूं की कीमतों में आया बड़ा उछाल, त्यौहार पर आएगी और ज्यादा तेजी
Wheat Price: केंद्र सरकार द्वारा किए गए कई प्रयासों के बाद भी अब पिछले एक साल महंगी हुई खाद्य चीजों में गेहूं और आटा भी शामिल है. इसके अलावा रसोई की चीजों में भी पिछले 1 साल से औसतन खुदरा भाव में काफ़ी तेजी दर्ज हुई है. बीते गेहूं के सीजन के बाद गेहूं एवं आटे की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी नज़र आई है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के थोक बाजार व्यवसायियों के अनुसार, पिछले सप्ताह से गेहूं के कीमतों में भारी उछाल दिख रहा है. ज्यादा मांग और सप्लाई में कमजोरी की वजह से गेहूं का थोक भाव 2,570 रुपये प्रति क्विंटल के पार तक चला गया है.
राजधानी के व्यवसायियों के अनुसार, इस सालाना सीजन में तेज गर्मी व गर्म हवाओं की वजह से गेहूं के घरेलू उत्पादन कमजोर रहा है. मंडियो में सरकारी खरीद में भारी गिरावट देखी गई थी. राजधानी दिल्ली की लारेंस रोड मंडी के कारोबारियों का अनुमान के मुताबिक मानना है कि गेहूं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. त्योहारों के सीजन के दौरान आने वाले दिनों में गेहूं का थोक भाव 2600 रुपये प्रति क्विंटल से पार जानें का अनुमान लगाया जा रहा है.
मिली जानकारी के मुताबिक, 14 मई को निर्यात पर प्रतिबंध से पहले तक गेहूं का मंडी भाव 2,145 से 2,180 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास बिक रहा था. कारोबारियों ने बताया की गेहूं के भाव में करीब 15 प्रतिशत एवं आटे के मूल्य में करीब 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है.
गेहूं के बाद चावल की बात करें तो हाल के दिनों में चावल के मूल्य में लगभग दस प्रतिशत की कमी आई है. उपभोक्ता विभाग ने 2 अक्टूबर को एक बयान में कहा था कि बीते हफ्ते में गेहूं और चावल के खुदरा और थोक मूल्य में कमी आई है. और आटे का मूल्य स्थिर बना हुआ है.
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