रविंद्र गोदारा सुसाइड मामले में आया नया मोड़, आरोपी बनाए गए पत्रकार हनुमान पूनिया ने की CBI जांच की मांग
The Chopal, Sirsa
बहुचर्चित रविंद्र गोदारा सुसाइड मामले में अब करीब साढे 6 महीने बाद उस वक्त नया मोड़ आ गया जब इस मामले में आरोपी बनाए गए पत्रकार हनुमान पूनिया ने सीबीआई जांच की मांग की है। पत्रकार हनुमान पूनिया करीब 4 महीने की जेल काटने के बाद कुछ समय पहले ही बाहर आए हैं। बाहर आने के बाद उन्होंने अपने आप को निर्दोष बताते हुए अब सीबीआई जांच की मांग उठाई है, जिसके लिए उन्होंने जोधपुर हाईकोर्ट में एक रिट लगाने का प्रोसेस शुरू करने की बात कही है वहीं सीबीआई के डायरेक्टर, गृह मंत्रालय, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पत्र भेजकर मामले की पुनः जांच सीबीआई को सौंपने की गुहार लगाई है।
यह था पूरा मामला
वर्ष 2021-22 में सीबीएसई बोर्ड ने 10वीं व 12वीं क्लास के एग्जाम नहीं लिए थे। बोर्ड द्वारा बच्चों का रिजल्ट स्कूल प्रशासन की तरफ से पीछे के परफॉर्मेंस के आधार पर बनाने के आदेश दिए गए थे। सिरसा जिला के दयानंद सीनियर सेकेंडरी स्कूल नाथूसरी चौपटा के कुछ अभिभावकों और बच्चों ने 4 अगस्त 2021 को स्कूल में यह कहते हुए हंगामा किया कि उनका रिजल्ट उनके पीछे के रिकॉर्ड के मुताबिक नहीं बनाया गया है। इस दौरान स्कूली बच्चों ने स्कूल प्रबंधन कमेटी पर भेदभाव के संबंध में कई सवाल उठाए। इसकी कवरेज पत्रकार हनुमान पूनिया सहित कई अन्य पत्रकारों ने की थी। सोशल मीडिया पर यह कवरेज अगले 2 दिन तक खूब वायरल हुई जिसके बाद स्कूल संचालक रविंद्र गोदारा ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए अपनी मौत का जिम्मेवार पत्रकार हनुमान पूनिया सहित कुछ अभिभावकों व अन्य लोगों को बता कर आत्महत्या कर ली। रविंद्र गोदारा की आत्महत्या करने के बाद माहौल स्कूल के प्रति सकारात्मक हो गया और सहानुभूति के तौर पर मामला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। उसके बाद श्रद्धांजलि सभा और कैंडल मार्च निकाली गई वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी प्रदर्शन किए गए।
ऐसी स्थिति में पत्रकार हनुमान पूनिया ने अपने आप को सरेंडर करते हुए पुलिस जांच में शामिल हुआ लेकिन आरोप है कि पुलिस ने निष्पक्ष जांच नहीं की। जिसकी बदौलत उन्हें करीब 4 महीने तक जेल में बिताने पड़े। जेल से बाहर आने के बाद हनुमान पूनिया ने अब अपने आपको एक वीडियो जारी करते हुए निर्दोष बताया है वहीं उन्होंने कहा कि वह इस मामले की जांच सीबीआई से करवाएंगे। इसके लिए उन्होंने उन लोगों से भी गुहार लगाई है जिन्होंने रविंद्र गोदारा को न्याय दिलवाने के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया और कैंडल मार्च निकाली थी। हनुमान पूनिया का कहना है कि अगर क्षेत्र के लोग वास्तव में रविंद्र गोदारा को न्याय दिलवाना चाहते हैं और उनकी मौत की असली वजह को सामने लाकर रविंद्र गोदारा की आत्मा को शांति दिलवाना चाहते हैं तो उनके द्वारा अब यह जो सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रोसेस शुरू किया गया है, उसका समर्थन जोर-शोर से करें।
एक आरोपी जो करीब 4 महीने जेल में रहा और उसके बाद वह मामले के साढ़े 6 महीने बाद फिर से गढ़े-मुर्दे उखाड़ने की बात कर रहा है उससे प्रतीत होता है कि शायद हनुमान पूनिया के साथ नाइंसाफी हुई है। अन्यथा सीबीआई जांच की मांग हनुमान पूनिया की जगह रविंद्र गोदारा के परिजन और उनके शुभचिंतक करते। खैर यह तो वक्त बताएगा की सीबीआई जांच की मांग स्वीकार होती है या नहीं होती है और अगर हो जाती है तो फिर उसके बाद आगे क्या कुछ खुलासे होते हैं लेकिन बड़ी बात यह है कि फिलहाल रविंद्र गोदारा सुसाइड मामले में करीब साढ़े 6 महीने बाद एक बार फिर नया मोड़ आया है।