पशु प्रेम की मिसाल, भैंस की मौत पर किसान ने किया भंडारे का आयोजन, देख लोग रह गए दंग
Kaithal : जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित गांव गढ़ी में इस अनोखा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह अनोखा कार्यक्रम गढ़ी के किसान रामकरण की तरफ से उसकी भैंस मूर्ति देवी की मौत के बाद उसकी याद में लगाए गए भोग का रहा।
इस भंडारे में केवल गांव ही नहीं, बल्कि आस-पास स्थित दूूूसरे गांव के लोग भी पहुंचे थे। कार्यक्रम में पहुंचे किसान बसाऊ राम ने कहा कि भैंस किसान के लिए परिवार का सदस्य होती है।
क्योंकि उस भैंस के दूध के माध्यम से घर में काफी कार्य होते हैं। इसलिए भैंस के मालिक को उससे काफी लगाव रहता रहता है। ऐसा ही लगाव गांव गढ़ी निवासी किसान रामकरण का उसकी भैंस मूर्ति देवी से रहा है।
पशुधन के महत्व को समझे
बसाऊ ने कहा कि उनकी सभी किसानाें से अपील है कि वे पशुधन के महत्व को समझें। क्योंकि इनके बिना पशु के मालिक को भी कोई लाभ नहीं मिल सकता है।
किसान रामकरण ने बताया कि उसकी भैंस मूर्ति देवी को वह वर्ष 2005 में पड़ोसी गांव छौत में से लाए थे। यह भैंस मुर्ररा नस्ल की थी। उस समय उसकी आयु करीब तीन साल की थी। उसके बाद से करीब 18 वर्ष के बाद पांच मार्च को भैंस की 21 वर्ष की आयु में मृत्यु हुई।
पशु मेले में जीते कई अवार्ड
मूर्ति देवी ने 14 कटड़ा व कटड़ियों को जन्म भी दिया था। इस भैंस ने पशु मेले में दो अवार्ड भी प्राप्त किए हैं। किसान रामकरण ने कहा कि अपना बच्चा भी 18 साल की आयु के बाद जवान हो जाता है।
इस भैंस द्वारा दिए जाने वाले दूध से भी उसके बच्चे बड़े हुए हैं। इस भैंस मूर्ति देवी का उसके बच्चों के लालन-पालन में काफी सहयोग रहा है।