Bhiwani News : एक गांव में तीन सौ साल बाद घोड़ी चढ़ा अनुसूचित जाति का दूल्हा,

The Chopal , Bhiwani Bhiwani News : हरियाणा प्रदेश में जिले भिवानी के गांव गोबिंदपुरा में पंचायत ने करीब तीन सौ साल पुरानी भेदभावपूर्ण प्रथा को समाप्त करते हुए यहां बसे अनुसूचित जाति के हेड़ी समाज के दूल्हे को पूरे धूम-धाम से घोड़े पर सवार कराकर बारात के लिए विदा किया. जानकारी बता दें की
 

The Chopal , Bhiwani

Bhiwani News : हरियाणा प्रदेश में जिले भिवानी के गांव गोबिंदपुरा में पंचायत ने करीब तीन सौ साल पुरानी भेदभावपूर्ण प्रथा को समाप्त करते हुए यहां बसे अनुसूचित जाति के हेड़ी समाज के दूल्हे को पूरे धूम-धाम से घोड़े पर सवार कराकर बारात के लिए विदा किया.

जानकारी बता दें की करीब 300 वर्ष पहले बसे भिवानी के गांव गोबिंदपुरा की आबादी करीब 2,000 है और यहां सिर्फ 2 समाज राजपूत एवं हेड़ी के लोग रहते हैं. गांव में राजपूतों की आबादी करीब 1,200 और हेड़ी समाज के लोगों की संख्या 800 है.

सांकेतिक तस्वीर

सरपंच बीर सिंह ने कही ये बात

गोबिंदपुरा पंचायत के सरपंच बीर सिंह ने बताया- ‘हमारा गांव पहले हालुवास माजरा देवसर पंचायत में आता था. इसे हाल ही में अलग पंचायत की मान्यता मिली है. गोबिंदपुरा के पंचायत बनने के वक्त से ही हमारा विचार था कि यहां चली आ रही रूढ़ीवादी, पुरातनपंथी एवं भेदभावपूर्ण परंपराओं को समाप्त किया जाए और गांव में रहने वाले दोनों ही समाज के लोगों को बराबरी से समान रूप से अपनी खुशियां बांटने का अवसर मिले.’ Bhiwani News

इसके अलावा उन्होंने बताया कि गांव में हेड़ी समाज के दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ने या बहुत धूम-धाम से बारात निकालने की परंपरा कभी नहीं रही. बीर सिंह ने बताया कि करीब तीन साल पहले भी हेड़ी समाज के लोगों से दूल्हे की घुड़चढ़ी करने और धूम-धाम से बारात निकालने को कहा गया था, लेकिन उस दौरान पंचायत में लोग इसे लेकर नाराज हो गए थे और कोई फैसला नहीं हो सका था.

विजय को मिला पहला मौका

गांव गोबिंदपूरा के सरपंच बीर सिंह ने बताया कि हमें गांव में हेड़ी समाज के लड़के विजय की शादी का पता चला. राजपूत समाज के कुछ लोगों को साथ लेकर हम उसके घर गए एवं परिवार को धूम-धाम से बारात निकालने, घुड़चढ़ी के लिए राजी किया. सरपंच ने बताया कि इस बार गांव में इसे लेकर किसी ने नाराजगी या विरोध भी जाहिर नहीं की. लेकिन मैंने एहतियात के तौर पर इसकी सूचना जिला प्रशासन को भी दी थी और प्रशासन ने भी 1 पुलिस का जवान भेजा था. फिलहाल इस कुप्रथा को समाप्त किए जाने से दूल्हे का पूरा परिवार और हेड़ी समाज बहुत काफ़ी खुश है.

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