हरियाणा में शराब पीने वाले कर्मचारियों की हुई मौज, दफ़्तरों में ही छलका सकेंगे जाम, क्या है सरकार का नया प्लान?

 

Haryana: अब दफ्तरों में कर्मचारी शराब पी सकेंगे. ऑफिस में ही बार बनाया जा सकेगा. सरकार ने 9 मई को अपनी नई एक्साइज पॉलिसी लागू कर दी, नीति के मुताबिक, एक कॉर्पोरेट ऑफिस में कम मात्रा वाले अल्कोहल पेय पदार्थों की खपत के लिए एक लाइसेंस (L-10F) दिया जाएगा. 1 लाख स्क्वेयर फीट से ज्यादा कवर्ड एरिया वाले दफ्तर लाइसेंस ले सकते हैं. इसके लिए कंपनियों को 10 लाख रुपये सालाना पेमेंट करना होगा.

लाइसेंस आवेदन शुल्क बढ़ा

हरियाणा सरकार के इस फैसले का लाभ गुरुग्राम, मानेसर और फरीदाबाद जैसे शहरों कॉरपोरेट और मल्टीनेशनल कंपनियों को होगा. खासकर उन ऑफिसों को , जिनके पास 1 लाख वर्ग फुट का स्पेस खुद का या लीज पर है. इस नीति का फायदा शराब कारोबारियों को भी होगा. सरकार ने शराब कारोबारियों को लाभ देने के लिए रेस्टोरेंट, पब और कैफे के लिए बार लाइसेंस की फीस कम कर दी है. हालांकि सरकार ने इवेंट और शो के दौरान शराब परोसने के लिए अस्थायी लाइसेंस के लिए आवेदन शुल्क बढ़ा दिया है. सरकार ने इसे 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया है.

यह रहेंगे नियम,

हरियाणा सरकार ने एक्साइज पॉलिसी 2023-24 में बदलाव किया है. इस बदलाव के बाद अब दफ्तरों में कर्मचारी शराब पी सकेंगे. ऑफिस में ही बार बनाया जा सकेगा। सरकार ने 9 मई को अपनी नई एक्साइज पॉलिसी लागू कर दी, जिसके बात अब कम के कम 5 हजार कर्मचारियों वाले कॉरपोरेट ऑफिस में बीयर, वाइन जैसे लो-कंटेंट वाले अल्कोहॉलिक ड्रिंक रखने की इजाजत मिल गई है. सरकार इसके लिए एक लाइसेंस L-10F दिया जाएगा. हालांकि इसके लिए कई शर्तें भी है, जिसे पूरा करने के बाद ही कॉरपोरेट ऑफिस को ये लाइसेंस मिलेगा.

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