Success story: किसी मॉडल से कम नहीं हैं ये IPS अफसर, ऐसे पाई थी सफलता, जानिए
IPS Aashna Chaudhary Ki Success Story : बचपन में आईपीएस बनने का सपना देखने वाली आशना चौधरी ने इसे पूरा करके ही दम लिया। हालांकि इसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत तो करनी ही पड़ी, साथ ही हौसले के साथ आगे बढ़ीं। आशना आज सफलता के बड़े मुकाम पर काबिज हैं। ये लाखों लोगों के लिए प्रेरणा की मिसाल बनी हुई हैं। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाली आशना का खूबसूरती में भी मुकाबला नहीं है। यह आईपीएस अफसर अपने कार्यों व खूबसूरती के कारण सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियों में रहती हैं।
परिवार का नाम रोशन किया-
तीसरी बार में UPSC क्रैक कर आईपीएस अफसर बनने वाली आशना चौधरी को भला कौन नहीं जानन चाहेगा। ब्यूटी विद ब्रेन का सबसे सशक्त उदाहरण पेश करने वाली यह अफसर अपने कड़े निर्णयों व सराहनीय कार्यों के लिए भी जानी जाती हैं। अपनी खूबसूरती से ये कई एक्ट्रेस व मॉडल्स को भी मात देती हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुवा की रहने वाली आशना आज अपने परिवार का नाम रोशन करते हुए करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा की मिसाल बनी हुई हैं। बता दें कि वह सोशल मीडिया की सबसे ज्यादा चर्चित व खूबसूरत हस्तियों में से एक हैं। इंस्टाग्राम पर इनके लाखों फॉलोअर्स हैं।
ब्यूटी विद ब्रेन का हैं सबसे बड़ा एग्जांपल
आज लोग आशना चौधरी को 'ब्यूटी विद ब्रेन' का तमगे से नवाजते हैं। इनका चीते जैसा दिमाग और इनकी सादगी के साथ बेमिसाल खूबसूरती हर किसी को इंप्रेस करती है। तमाम हिरोइन व मॉडलों को ये हर मामले में मात देती हैं। आशना ने आइपीएस की कुर्सी तक पहुंचने के लिए जीतोड़ मेहनत की है। इनकी मेहनत व रुतबेदार कुर्सी ने इनकी खूबसूरती में चार चांद लगा दिए हैं। इनके जीवन का मूल मंत्र है कि किसी भी लक्ष्य के लिए ईमानदारी से मेहनत करें, सफलता खुद चली आएगी। अपनी मंजिल को पाने के लिए शॉर्टकट नहीं बल्कि कड़ी मेहनत का रास्ता अपनाएं
प्रोफेसर फैमिली से हैं आशना चौधरी
आशना के परिवार के बारे में जानकर भी आप उनके प्रति सम्मान से भर जाएंगे। आशना पढ़े-लिखे संपन्न परिवार से ताल्लुक रखती हैं और ये प्रोफेसर फैमली से हैं। हालांकि परिवार वालों को लगता था कि वे भी एजुकेशन के फील्ड में नाम कमाएंगी, लेकिन इन्होंने IPS की राह चुनी। उनके पिता सरकारी जॉब करते थे। इनके पिता की अधिकारियों से बातें होती रहती थी तो आशना ने भी बड़ा अधिकारी बनने की मन ही मन ठान ली थी। बड़ी होकर उन्होंने अपने इस सपने को पूरा किया।
इस जॉब से हुई थीं रिजेक्ट, नहीं मानी हार, बनी आईपीएस
गाजियाबाद के दिल्ली पब्लिक स्कूल से पढ़ाई करने के बाद आशना ने इंग्लिश लिटरेचर में ऑनर्स की डिग्री ली। फिर साउथ एशियन यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस में मास्टर डिग्री लेने के बाद जॉब के लिए कई एग्जाम भी दिए। इस दौरान एक बार उन्हें एनालिस्ट की पोस्ट से रिजेक्ट भी किया गया, लेकिन आशना ने हार नहीं मानी और इसी से सीख लेकर आगे बढ़ी तथा आपीएस बनकर दम लिया।
असफलता से नहीं हुईं निराश, तीसरे अटेंप्ट में रचा इतिहास
मास्टर्स की डिग्री करने के बाद आशना ने एक साल के लिए ब्रेक लिया और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में खुद को बिजी कर लिया। नियमित रूप से 8-9 घंटे की पढ़ाई करके, पिछले साल के प्रश्न पत्रों को हल करके तीसरे प्रयास में 116वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की। आशना का मानना है कि कभी भी असफलता से निराश नहीं होना चाहिए बल्कि उससे सीख लेकर आगे बढें। वे खुद कभी असफलता से नहीं हारीं। अपनी कमियों को असफलता से पहचानें व दूर करते हुए सफलता को पाएं। आखिरी दम तक हिम्मत व हौसला बिल्कुल न हारें।