Cotton Bhav: कपास की आवक में लगातार बढ़ोतरी, किसानों को कम मिल रहे भाव

Cotton Prices : जामनगर के हापा यार्ड में कपास की भारी आवक हो रही है, लेकिन किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहे। बढ़ती लागत और गिरती कीमतों से किसान परेशान हैं। सरकार से कीमत बढ़ाने की मांग तेज हो रही है।

 

Cotton Price Drop Reasons : जामनगर के हापा क्षेत्र में स्थित विपणन यार्ड, जिले का सबसे बड़ा यार्ड है। यही कारण है कि अधिकांश किसान अपनी फसलें बेचने के लिए इसी यार्ड का रुख करते हैं। मौजूदा समय में यहां कपास की सबसे अधिक आय दर्ज की जा रही है। हालांकि, किसानों को कपास की उचित कीमत नहीं मिलने के कारण नाराजगी है। पांच साल पहले जो कीमतें किसानों को मिल रही थीं, वही कीमतें आज भी जारी हैं।

अच्छी गुणवत्ता के बावजूद कीमतों में गिरावट

किसानों का कहना है कि उनकी कपास की गुणवत्ता अच्छी है, लेकिन इसके बावजूद कीमतें लगातार गिर रही हैं। हापा मार्केटिंग यार्ड के सचिव हितेश पटेल ने जानकारी दी कि वर्तमान समय में कपास की दैनिक आय में वृद्धि हो रही है। हर दिन पांच से छह हजार भारी (50 किलोग्राम की बोरियां) कपास की आय दर्ज की जा रही है। यानी 15,000 से 16,000 मन कपास हर दिन दबाकर बेची जा रही है।

बारिश के कारण लंबा खिंचा सीजन

इस साल बारिश में देरी के चलते कपास का मौसम लंबा खिंच गया, जिससे आय स्थिर रही। हालांकि, अब आय में सुधार हुआ है। फिलहाल, कपास की औसत कीमत 1200 से 1495 रुपये प्रति मन के बीच है। कल के आंकड़ों के अनुसार, 18648 मन कपास की आय हुई, जिसके लिए किसानों को 1300 से 1455 रुपये प्रति मन की कीमत मिली।

किसानों को बढ़ती लागत से परेशानी

जामनगर जिले के थावरिया गांव के एक किसान ने बताया कि कपास के बीज, श्रम और परिवहन की लागत बढ़ रही है, लेकिन कीमतें घटने से नुकसान हो रहा है। किसानों की मांग है कि सरकार कपास की कीमतों में वृद्धि के लिए कदम उठाए।

विदेशों में उत्पादन घटने के बावजूद कीमतें कम

विदेशों में कपास का उत्पादन और रोपण कम हो गया है, जिससे मांग बढ़नी चाहिए थी, लेकिन इसके उलट, भारी बारिश के कारण कपास की गुणवत्ता खराब हुई है, जिससे कीमतें गिरी हैं। कपास के अलावा, किसान मूंगफली, लहसुन और जीरा बेचने के लिए भी जामनगर यार्ड पहुंच रहे हैं। लेकिन इन फसलों की कीमतों में भी कमी देखी जा रही है।