Cumin Price: जीरे भाव में उछाल के बाद लगातार गिरावट दर्ज, करीब 40000 तक टूट सकते हैं दाम 
 

विशेषज्ञों का कहना है कि जीरे की फसल के लिए मौसम अच्छा है। ऐसे में जीरे की कीमतों में आने वाले दिनों में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद में और कमी आ सकती है। जीरे की कीमतों में भारी गिरावट हुई है।
 

The Chopal : विशेषज्ञों का कहना है कि जीरे की फसल के लिए मौसम अच्छा है। ऐसे में जीरे की कीमतों में आने वाले दिनों में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद में और कमी आ सकती है। जीरे की कीमतों में भारी गिरावट हुई है। इस महीने जीरा करीब 24 प्रतिशत सस्ता हुआ है। इसकी कीमत 47 हजार रुपये से कम हो गई है। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि इसका मूल्य आगे 40 हजार रुपये तक गिर सकता है। जीरा सस्ता होने से इसकी बोआई अधिक हो सकती है। साथ ही जीरे की निर्यात मांग कम होना चाहिए।

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इस महीने जीरे का मूल्य 14,500 रुपये से अधिक गिर गया

3 अक्टूबर, इस महीने के पहले कारोबारी दिन, जीरे के नवंबर अनुबंध ने 61,650 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर दिन का ऊपरी स्तर छू लिया, जो कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) पर हुआ था। खबर लिखे जाने के समय, इन अनुबंधों ने 46,900 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया था। इससे इस महीने जीरे का वायदा भाव लगभग 24% गिर गया है, यानी 14,750 रुपये प्रति क्विंटल। 8 सितंबर को नवंबर अनुबंध ने 66,880 रुपये का ऊपरी स्तर छुआ था। जीरे का वायदा भाव इस स्तर से लगभग 20,000 रुपये गिर गया है।

जीरे की बढ़ती मांग और सुस्त निर्यात मांग के कारण जीरे में मंदी

एचडीएफसी सिक्योरिटी के कमोडिटी व करेंसी प्रमुख अनुज गुप्ता ने कहा कि इस साल जीरे की कीमतें ऊंची रहे हैं और मौसम भी अच्छा है। इसलिए इस साल जीरे की बोआई अधिक होगी। जिससे जीरे उत्पादन भी बढ़ेगा। यही कारण है कि पिछले महीने से जीरे की कीमत लगातार गिर रही है। कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल ने कहा कि स्टॉकिस्ट जीरे की बिक्री कर रहे हैं क्योंकि उत्पादन बढ़ेगा। जो जीरे के भाव को कम करता है। साथ ही जीरे की निर्यात मांग कम होने से इसकी कीमतों में गिरावट हुई है। 2023-24 वित्त वर्ष की अप्रैल-अगस्त अवधि में निर्यात 69,779 टन जीरे था, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 91,529 टन जीरे से लगभग 24% कम था।

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जीरे की कीमत 40 हजार रुपये तक गिर सकती है

जानकारों का कहना है कि जीरे की कीमतें आगे भी गिर सकती हैं। Paul बताता है कि जीरे की खेती के लिए मौसम उपयुक्त है। ऐसे में जीरे की कीमतों में आने वाले दिनों में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद में और कमी आ सकती है। इसकी कीमत 40 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक गिर सकती है। गुप्ता भी जीरे की कीमतों में मंदी का अनुमान लगाते हैं।