जीरा भाव ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 50 हजार पार बना डाला नया इतिहास, जानें तेजी की वजह

 

Merta Mandi: अपने के साथ-साथ अन्य कामों में इस्तेमाल किया जाने वाला जीरा अब सोना चांदी नहीं बल्कि हीरा बन गया है. मेड़ता मंडी में 2 दिन पहले अपने रिकॉर्ड भाव 50 हजार रुपए प्रति क्विंटल पहुंचने वाले जीरे ने बुधवार को नए रिकॉर्ड बनाए और पहली बार यह 61 हजार 350 रुपए के भाव से बिका.

नागौर जिले के धनाणा गांव के किसान पतराम चौधरी का जीरा जब इस भाव पर बिका वह ख़ुश नज़र आए. मेड़ता मंडी के कारोबारियों से लेकर किसानों तक को इस पर यकीन नहीं हुआ. पिछले एक साल में जीरे के भाव करीब डेढ़ गुना बढ़ चुके हैं.

पिछले साल 11 अप्रैल को जीरे के भाव 25 हजार रुपए प्रति क्विवंटल थे और आज यह 61 हजार से अधिक हो चुके हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि अभी भाव और बढ़ेंगे.

जीरे के भावों में लगातार आ रही इस तेजी का नतीजा यह रहा कि बुधवार को मेड़ता मंडी में पैर रखने की जगह नहीं थी. यहां 50 हजार से अधिक जीरे की बोरियों की आवक हुई.

11 हजार की उछाल, 

अभी मार्च के दूसरे सप्ताह की ही बात है. मेड़ता मंडी में नए जीरे की आवक होने लगी थी. अप्रैल आते-आते यह भाव 34 हजार रुपए प्रति क्विंटल पहुंचे, तब किसी ने सोचा नहीं था कि जीरा अभी और कितना महकेगा. इसके बाद जीरे के भाव ने जो रफ्तार पकड़ी, 10 अप्रैल को वो सीधे 50 हजार पर जाकर रुका.

जीरे के भाव बढ़ने के 4 सबसे बड़े कारण

- टर्की-सीरिया में बेमौसम बारिश की वजह से बड़े पैमाने पर जीरा खराब हो गया.

- देश में भी मौसम की मार: बेमौसम बारिश से 20 से 30 फीसदी जीरे की फसल को नुकसान हुआहै.

- फसल कमजोर होने से सप्लाई घटी तो वर्ल्ड और डोमेस्टिक मार्केट में डिमांड बढ़ गई है। डिमांड बढ़ी तो दाम भी बढ़े.

- जीरे की डिमांड बढ़ने से शेयर बाजार में भी लगातार जीरे में तेजी चल रही है.

भारत का जीरा इन देशों में होता है एक्सपोर्ट

भारत दुनिया का सबसे बड़ा जीरा उत्पादक देश है. यहां से चीन, सिंगापुर, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, सऊदी अरब, नेपाल, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका सहित अन्य यूरोपीय और अरब देशों में जीरा एक्सपोर्ट होता है.

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