नौकरी के बाद खेती करने का मन बनाया, अब ये पेड़ दे रहें मोटी आमदनी

Sandalwood Tree Profit : बुंदेलखंड का चित्रकूट खेती किसानी के मामले में सबसे पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है। ऐसे में अब चित्रकूट के किसान खेती किसानी से अपना रुझान हटा रहे हैं। तो वहीं कुछ सरकारी विभाग के रिटायरमेंट लोग खेती किसानी में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
 

Sandalwood Tree Profit : बुंदेलखंड का चित्रकूट खेती किसानी के मामले में सबसे पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है। ऐसे में अब चित्रकूट के किसान खेती किसानी से अपना रुझान हटा रहे हैं। तो वहीं कुछ सरकारी विभाग के रिटायरमेंट लोग खेती किसानी में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उन्होंने कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने के उपदेश से चंदन की खेती की शुरुआत की है। जिसका पेड़ तैयार होने के बाद वह लाखों रुपए कमा पाएंगे।

हम बात कर रहे हैं चित्रकूट पाठा क्षेत्र के भौंरी गांव के रहने वाले रामलाल मिश्रा की। जिन्होंने अपने फार्म हाउस में दो प्रकार के चंदन के पेड़ लगाए हैं। उनका कहना है कि वह सहायक खंड विकास अधिकारी के पद में तैनात थे।

रिटायरमेंट होने के बाद उनका रुझान खेती किसानी की ओर बढ़ा तो उन्होंने अपने फार्म हाउस में चंदन की खेती की शुरुआत कर दी। उन्होंने फार्म हाउस में 80 पेड़ लाल चंदन के और 20 पेड़ वह पीले चंदन के लगाए हुए हैं।

उनके फार्म हाउस की रखवाली कर रहे श्री शंकर ने देते हुए बताया कि हमारे मालिक को यह प्रेरणा यूट्यूब के माध्यम से मिली। वह चंदन के पेड़ लगाकर अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं। तभी उन्होंने अपने खेत में चंदन के सौ पेड़ लगवा लिए। उन्होंने बताया कि इसको तैयार होने में लगभग 10 साल का समय लगता है। यह पेड़ तैयार होने के बाद एक पेड़ एक लाख रुपए की आमदनी देता है।

उन्होंने आगे की जानकारी देते हुए बताया कि चंदन का एक पेड़ 299 रुपए का मिलता है। जिसमें हमारे मालिक के द्वारा बीच पर पीले चंदन और 80 पेड़ लाल चंदन के लगाए गए हैं। जिसमें एक हफ्ते में पानी दिया जाता है।

इसके साथ ही खाद बीज और दवा का भी छिड़काव किया जाता है। 10 साल बाद इसको बाजार में बेचकर मुनाफा कमाया जा सकता है। चंदन का पेड़ कम लागत-मेहनत में बढ़िया मुनाफा देता है। यही कारण है कि बहुत से लोग चंदन के पेड़ आजकल लगा रहे हैं।