डॉलर चना के भाव में तेजी, आसपास की मंडियो से माल खरीद डिमांड पूरी कर रहे कारोबारी

कमजोर उत्पादन और डिमांड मजबूत होने के कारण चना के भाव में इन दिनों अच्छी तेजी आई हुई है. यदि सरकार आयात शुल्क हटा दे तो चना की कीमतों में गिरावट आ सकती है.
 

देशभर में इस बार चने की कीमतें आसमान छू रही है. त्योहारों के सीजन में चना की खपत देश में बढ़ जाती है. जिस रफ्तार के साथ चना की कीमतें महंगी हो रही है. वह रसोई का बजट बिगड़ रही है. डॉलर चना में विदेश की मांग मजबूत होने से सरकार अगर आयात शुल्क हटाती है तो चना की क़ीमत कम हो सकती है. हालांकि इस बारे में अभी तक कोई अपडेट नहीं है. परंतु अगर आयात शुल्क हटाया तो भारतीयों का प्रमुख खानपान छोले भटूरे और सब्जी का चना सस्ता हो जाएगा.

चना दाल 100 रुपए प्रति किलो

दाल दलहनों की कमी के चलते देश में इस समय इनके भाव आम आदमी की थाली का बजट बिगाड़ रहे हैं. मौजूदा समय में तुवर दाल 200 रुपए प्रति किलो और चना दाल 100 रुपए प्रति किलो बिक रही है. मध्य प्रदेश की कई मंडियो में डॉलर चने का भाव इस समय 12000 से लेकर 14700 रुपए प्रति क्विंटल रह रहा है. जिन किसानों ने अब तक चना की फसल को रोक कर रखा है. उनके चेहरे पर मुस्कान लौटी हुई है. मोटा बोल्ट डॉलर चना कंटेनर के भाव 16000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच चुके हैं.

डालर चने की आवक कम

मध्य प्रदेश की उज्जैन मंडी में वर्तमान समय के दौरान डालर चने की आवक बेहद कम हो रही है. मंडी कारोबारी के पास साउथ राज्यों की तरफ से डिमांड ज्यादा आने के कारण आसपास की मंडियो से माल खरीद कर मांग को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. देश में पिछले कुछ महीनो में उत्पादन कमजोर रहने के कारण अभी की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए डॉलर चना तंजानिया, इंडोनेशिया और कनाडा से अमेरिका चना भारत में पहुंचता है. इस समय देश में मानसून का सीजन चल रहा है. इस दौरान सब्जियों का इस्तेमाल कम हो जाता है. त्योहारों के चलते सब्जियों को छोड़कर दाल-दलहन और डालर चने का इस्तेमाल बढ़ जाता है.