किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, जिप्सम से बढ़ाएं अपनी ज़मीन की ताकत,  सरकार दे रही सब्सिडी 

जिप्सम भूमि की उर्वरता को बढ़ाता है और एक पोषक तत्व भी है। ताकि किसान इस योजना का पूरा लाभ उठा सकें, इस रिपोर्ट में हम राजस्थान सरकार की इस पहल और इससे जुड़े हर पहलू को विस्तार से समझेंगे। चलिए इस रिपोर्ट को पढ़ें,
 

The Chopal, Agriculture News : किसानों की आय को बढ़ाने और खेती को अधिक लाभदायक बनाने के लिए सरकारें लगातार नई योजनाएं लागू कर रही हैं। इस दिशा में पहल करते हुए राजस्थान सरकार ने जिप्सम पर भारी अनुदान की घोषणा की है। सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों की जमीन को सुधारना है ताकि किसान मिट्टी में पोषण तत्वों की कमी को पूरा कर सकें और अपने फसल उत्पादन को अधिक से अधिक बढ़ा सकें। इससे कृषि क्षेत्र में किसानों की रुचि बढ़ सकती है। जिप्सम भूमि की उर्वरता को बढ़ाता है और एक पोषक तत्व भी है। ताकि किसान इस योजना का पूरा लाभ उठा सकें, इस रिपोर्ट में हम राजस्थान सरकार की इस पहल और इससे जुड़े हर पहलू को विस्तार से समझेंगे। चलिए इस रिपोर्ट को पढ़ें, इस योजना के बारे में अधिक जानकारी।

जिप्सम की भूमिका: जिप्सम, जिसे वैज्ञानिक रूप से कैल्शियम सल्फेट या जिप्सम कहा जाता है, भूमि को सुधारने और पोषण देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जिप्सम खासकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है। यह दलहनी फसलों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है क्योंकि यह पौधों की जड़ों की ग्रंथियों का विकास करता है। जिप्सम फसल में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाता है और पौधों में प्रकाश संश्लेषण क्रिया को बढ़ाता है। जिप्सम मिट्टी की क्षारीयता को कम करता है, जिससे फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ती है। यह उर्वरक कीटों पर कम प्रभाव डालता है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार जिप्सम जैसे उर्वरक पर सब्सिडी दे रही है।

सब्सिडी कैसे मिलेगी?

राजस्थान में जिप्सम दो प्रमुख कार्यक्रमों के तहत वितरित किया जा रहा है:

भूमि सुधार कार्यक्रम: मिट्टी जांच सिफारिश (मिट्टी जांच सिफारिश) के अनुसार, किसानों को वर्ष 2024-25 में 0.5 हेक्टेयर भूमि पर अधिकतम 1.5 मीट्रिक टन जिप्सम नि:शुल्क दिया जाएगा। इसके लिए किसान को क्षेत्रीय कृषि पर्यवेक्षक को अपनी खेत की मिट्टी का नमूना देना होगा। इस प्रक्रिया में किसानों से मिट्टी की जांच के लिए सिर्फ पांच रुपये प्रति नमूना लिया जाएगा। मिट्टी की उर्वरता शक्ति में सुधार करके किसानों को फसलों के उत्पादन को बढ़ाने में सहायता देना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है, ताकि किसानों को अधिक कृषि क्षेत्र की ओर आकर्षित किया जा सके।

कृषि उपकरण राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की दलहन योजना में किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर जिप्सम मिलेगा। राजस्थान सरकार जिप्सम पर 50% तक की सब्सिडी देती है, हालांकि इसकी कीमत प्रति मीट्रिक टन 3650 रुपये है। किसानों को सब्सिडी के तहत प्रति मीट्रिक टन 1825 रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी। योजना के अनुसार, प्रत्येक हेक्टेयर में किसानों को 250 किलो (5 बैग) जिप्सम मिलेगा। किसानों को दो हेक्टेयर से अधिक का अनुदान नहीं मिल सकता है।

किसान भाइयों, राजस्थान में जिप्सम के लिए आवेदन कैसे करें? पहले किसान को अपने खेत की मिट्टी की जांच करनी होगी और रिपोर्ट में जिप्सम की सिफारिश मिलनी होगी। किसान को फिर राज किसान साथी ऐप पर जाकर अपनी जिप्सम मांग को अपलोड करना होगा। यह मांग फिर विभागीय चैनल से आपूर्तिकर्ता तक पहुंचेगी। अगर आप योजना के नियमों पर सही पाए जाते हैं, तो कार्यवाही पूरी होने पर किसानों को जिप्सम केवीएसएस और जीएसएस केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। आपको बता दें कि "पहले आओ, पहले पाओ" की शर्तों के अनुसार जिप्सम का वितरण किया जाएगा। किसान अपने नजदीकी कृषि पर्यवेक्षक (Agricultural Supervisor) से जिप्सम के प्रदान, आवेदन और वितरण के बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं।कृषि औजार

फसलों में लाभ: किसान साथियों, जिप्सम का उपयोग मिट्टी और फसलों के लिए बहुत अच्छा है। जिप्सम की फसल की पैदावार को 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। प्रोटीन फसल की पोषण क्षमता में सुधार करता है। यह खासकर दलहनी फसलों में प्रोटीन बढ़ाने में महत्वपूर्ण है। जिप्सम मिट्टी की क्षारीयता को कम करता है, जिससे फसलों का विकास बेहतर होता है। जिप्सम का प्रयोग फसल पर आने वाले खर्च की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। जब जिप्सम का उपयोग किया जाता है, तो खाद और उर्वरक की जरूरत कम होती है, जिससे किसान की लागत कम होती है।

नोट्स: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध स्रोतों से ली गई है। आप अपने नजदीकी कृषि केंद्र पर इससे संबंधित किसी भी जानकारी के लिए संपर्क कर सकते हैं।