Jeera Bhav: आम आदमी पर बढ़ा महंगाई का बोझ, 1 महीने में जीरा 45% तक महँगा, इस कारण बढ़े रेट  

 
Jeera Bhav

The Chopal, व्यापार ब्यूरो:  भारत विश्व भर में मसालों का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। जो लगभग 200 से ज्यादा प्रकार के मसालों और संबंधित उत्पादों में कारोबार करता है। अकेले FY22 में भारत देश ने 4.1 अलब डॉलर मूल्य के मसालों का निर्यात दुनिया भर के देशों को किया था। भारत जिन मसालों का निर्यात करता है उस लिस्ट में से एक जीरा या क्युमिन (cumin) है। वहीं इन दिनों बाजार मे इसकी बढ़ी हुई मांग और प्रतिकूल मौसम के कारण फसल खराब होने की आशंका के बीच इसकी कीमतों में पिछले एक महीने में 45 % से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है। देश में स्वानी स्पाइस नाम की के हरजीव स्वानी (Harjiv Swani of Swani Spice) ने बताया कि वे बढ़ी हुई कीमतों के कारण जीरे के लिए निर्यात बाजारों में मांग में कुछ कमी भी देख रहे हैं। हालांकि उन्होंने ये भी बताया कि घरेलू मांग अभी भी मजबूत बनी हुई है।

स्वानी ने आगे कहा, "घरेलू खरीद अभी बंद नहीं हो सकती है। भारत में आम तौर पर हम जीरे की पूरी फसल खुद खाते हैं। लेकिन भारत जीरा का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक भी बना है। इसलिए हमने देखा है कि मांग कम होने लगी है क्योंकि ग्राहक नहीं आ रहे हैं। इसकी वजह ये है कि इन उच्च कीमतों को पचाने में ग्राहक भी सक्षम नहीं हैं।" इसलिए हम निर्यात कारोबार में बहुत कम हलचल देख रहे हैं। लेकिन मेरा मानना ​​है कि घरेलू कारोबार काफी सक्रिय है।"

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स्वानी ने कहा कि देश भर में जीरे की बुवाई भी कम रकबे में हुई है। और उन्हें चालू वर्ष के लिए लगभग 2,00,000 टन तक कम उत्पादन की उम्मीद है।

"हमने देश भर में जीरे की कम बुवाई भी देखी है। भारत में आम तौर पर करीब 7,00,000 से करीब 6,50,000 टन जीरे की फसल भी होती है। इस साल, हम केवल 4,00,000 से 4,50,000 टन जीरे की फसल को देख रहे हैं। यह वास्तव में कहीं ना कहीं करीब 2,00,000 टन की कमी दर्शा रहा है। जो कि बहुत बड़ा अंतर है। ये अंतर इसलिए बड़ा है क्योंकि कोई भी भारतीय व्यंजन जीरा के बिना नहीं बनता है।" यह स्वानी ने मीडिया से बताया है। 

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