New Wheat Variety: देर से बिजाई पर गेहूं की ये किस्म देगी 82 क्विंटल तक का उत्पादन, जानिए खासियत
The Chopal, New Type of Wheat: करण वंदना (DBW 187) एक अच्छी पैदावार वाली गेहूं की वैरायटी है, जिसे मुख्यत पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल के उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्रों में सिंचित समय पर बोया जाता है। इससे किसानों को तगड़ा फायदा मिलने वाला है। चलिए पढ़ते है इस किस्म की खास बातें
करण वंदना (DBW 187) किस्म की पैदावार इन क्षेत्रों में मौजूदा किस्मों, जैसे HD 2967, HD 0307, HD 2733, HD 1006 और DBW 39, के मुकाबले अधिक उत्पादन मिलता है।
गेहूं की इस वैरायटी की पैदावार 82 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, पत्तों के झुलसने और अस्वस्थता जैसी प्रमुख बीमारियों के खिलाफ बेहतर प्रतिरोधी है। करण वंदना 77 दिनों बाद बलिया देती है और फसल 120 दिनों बाद पक्क कर तैयार होती है।
इसके साथ साथ करण वंदना (DBW 187) की औसत ऊंचाई 100 सेमी तक हो जाती है, और इसकी उत्पादन क्षमता 32.8 क्विंटल/एकड़, या लगभग 82 क्विंटल/हेक्टेयर है। इसके साथ साथ, प्रति हेक्टेयर औसत उपज 61.3 क्विंटल तक होती है।
करण वंदना की कुछ खास बातें
• इस गेहूं किस्म में पीले रतुआ और गेहूं ब्लास्ट का प्रकोप नही आता है।
• गेहूं की इस किस्म को 5 से 6 सिंचाई की जरूरत पड़ती है।
• पहली सिंचाई 20 से 25 दिन तक होनी चाहिए, फिर हर 20 दिन में एक बार सिंचाई की जरूरत होती है।
• इसकी उत्पादकता प्रति एकड़ 32.8 क्विंटल, या 82 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है।
• देर से बुवाई करने पर इस किस्म का शानदार उत्पादन मिलता है।
• 5 नवंबर से 25 नवंबर तक बुवाई की जा सकती है।
• समय पर और सिंचित स्थिति में 77 दिनों में फूल आते हैं और 120 दिनों में फसल पक जाती है।