दाल सब्जियों की कीमत पहुंची रिकार्ड स्तर, टमाटर-प्याज के रेट जानकार हो जाएंगे हैरान
Pulses Vegetables Price : देश में मंहगाई से आम जनता का बुरा हाल हैं। छह महीने में दाल और सब्जियों की कीमत इतनी बढ़ी है कि दशक की महंगाई भी पीछे छूट गई है। टमाटर तीन गुना अधिक लाल हो गया है, लेकिन कोई दाल सौ रुपये प्रतिकिलो से कम नहीं है।
Record Prices Of Pulses And Vegetables : उत्तराखंड के कई शहरों में सब्जियों की कीमतें भारी हो गई हैं। यह दिलचस्प है कि दालों की कीमतें भी बढ़ गई हैं। टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च और अरहर, उड़द के मूल्यों में भी उछाल हुआ है। उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों की तुलना में पर्वतीय क्षेत्रों में सब्जियों और दालों की कीमतें ज्यादा बढ़ी हैं। दैनिक रूप से बढ़ते दाल और सब्जियों के दामों ने पिथौरागढ़ में पिछले दस साल का रिकार्ड तोड़ दिया है।
यहां की अधिकांश दाल और सब्जियों का मूल्य छह महीने में इतना बढ़ा है कि दशक की महंगाई भी पीछे छूट गई है। टमाटर तीन गुना अधिक लाल हो गया है, लेकिन कोई दाल सौ रुपये प्रतिकिलो से कम नहीं है। महंगाई की मार से घरेलू रसोई का बजट बिगड़ गया है। 2014 में जनपद में महंगाई का ग्राफ आज से बहुत कम था। वर्तमान में लोग 30 रुपये प्रतिकिलो के आसपास मिलने वाली मलका के लिए भी 110 रुपये चुका रहे हैं, बताते हैं 65 वर्षीय जानकी देवी और व्यापारी मनोज जोशी।
यानि छह महीने में 70 रुपये की वृद्धि। जबकि छह महीने पहले 72 से 75 रुपये था। वहीं एक किलो अरहर का मूल्य लगभग 60 रुपये था। मार्च 2024 में अरहर का मूल्य 150 हुआ। दस साल में अरहर का मूल्य 90 रुपये बढ़ा, अब 190 रुपये है। इन दिनों, उड़द भी 125 से 140 रुपये प्रति किलो बिक रही है। जबकि छह महीने पहले 50 से 55 रुपये बाजार में था। दस वर्ष पहले लोग 35 से 37 रुपये में उड़द की दाल खरीदते थे। अन्य दालों का मूल्य भी तेजी से बढ़ा है।
यहाँ 2014 से लेकर अक्टूबर 2024 तक कुछ प्रमुख सब्जियों और दालों की कीमतों का विवरण दिया गया है, जो प्रति किलो के हिसाब से हैं:
दालों की कीमतें (प्रति किलो):
अरहर दाल:
2014: 60 रुपए
उच्चतम मूल्य (2015-2024 के बीच): 150-190 रुपए तक
उड़द दाल:
2014: 35-37 रुपए
मध्य वर्षों में: 72-75 रुपए
2024 तक: 125-140 रुपए
मलका दाल:
2014: 30 रुपए
2024 तक: 72-110 रुपए
चना दाल:
2014: 35 रुपए
2024 तक: 55-100 रुपए
सब्जियों की कीमतें (प्रति किलो):
टमाटर:
2014: 10-15 रुपए
उच्चतम मूल्य (2023-2024 के बीच): 30-100 रुपए
शिमला मिर्च:
2014: 20-30 रुपए
उच्चतम मूल्य (2023-2024 के बीच): 60-150
लोकी:
2014: 5-10 रुपए
2024 तक: 20-40 रुपए
नोट्स:
यह विवरण 2014 से अक्टूबर 2024 तक के विभिन्न वर्षों में दाल और सब्जी की औसत कीमतों का अनुमान है।
विभिन्न वर्षों में मौसम, आपूर्ति की स्थिति और बाजार के उतार-चढ़ाव की वजह से इन कीमतों में वृद्धि देखी गई है।
टमाटर, शिमला मिर्च, और लोकी जैसी सब्जियों की कीमतें भी काफी बढ़ी हैं, जो मौसमी उतार-चढ़ाव और आपूर्ति की कमी के कारण प्रभावित होती हैं।
टमाटर 100 रुपये प्रति किलो, शिमला मिर्च 150 रुपये
पिथौरागढ़ जिले में सब्जियों पर महंगाई का असर अभी भी जारी है। टमाटर आज प्रतिकलो 100 रुपये मिलता है, जो कभी 10 से 15 रुपये था। जबकि छह महीने पहले किलो 30 रुपये था। 2014 से मार्च 2024 तक टमाटर दोगुनी से तीन गुना महंगा हो जाएगा। आलू भी इसी तरह है। सात से आठ रुपये प्रति किलो का आलू अब चालिस रुपये पहुंच गया है। वर्तमान में शिमला मिर्च प्रति किलो 150 रुपये बिक रहा है। छह महीने पहले, शिमला मिर्च का किलो 60 रुपये था। 10 से 15 रुपये प्रति किलो मिलने वाले प्याज की कीमत भी बढ़ी है, जो वर्तमान में बाजार में 80 रुपये पहुंच गई है।
दाल और सब्जियों का मूल्य लगातार बढ़ता जा रहा है। इस निरंतर बढ़ती महंगाई ने घर चलाना मुश्किल बना दिया है। सरकार को यह विचार करना चाहिए कि अगर महंगाई निरंतर बढ़ती रही तो मध्यम वर्गीय परिवारों का जीवन कैसे चलेगा?
जानकी भंडारी, घरेलू
सब्जियों का बाजार मूल्य बहुत अधिक है। ज्यादातर सब्जियों का मूल्य प्रतिकिलो 50 रुपये से अधिक है। सभी दालों का मूल्य भी सौ से अधिक हो गया है। महंगाई के चलते, लोग विचार करके खरीदारी कर रहे हैं।