इंदौर मंडी में सस्ती हुई सब्जियां, जानिए दाल चावल सहित अन्य फसलों के भाव

 

The Chopal - हाल ही में महंगाई की चर्चा बटोरने वाले टमाटर के अलावा अन्य सब्जियों की कीमतें भी घट गई हैं। थोक बाजार में सब्जियां सस्ती हो गई हैं। इसका खुदरा बाजार पर भी प्रभाव है। सब्जियों की महंगाई आम जनता को राहत दी है। साथ ही सब्जियों का उत्पादन भी बढ़ा है। महीने पहले, चोइथराम सब्जी मंडी में स्थानीय सब्जियों की आवक बंद हो गई थी। मालवा-निमाड़ अब सब्जियों की अच्छी आवक कर रहा है।

ये भी पढ़ें - Indian Railway : रेलवे के इस रूट पर 3 किलोमीटर का किराया लगता है 710 रुपये 

20 दिन पहले टमाटर की कीमत 200 रुपये प्रति किलो थी, लेकिन अब 60 रुपये प्रति किलो है। थोक मंडी में टमाटर 25 से 30 रुपये प्रति किलो है। हरा धनिया 150 रुपये प्रति किलो था। 20 से 30 रुपये प्रति किलो केवल रिटेल में बिक रहा है। थोक मंडी में हरा धनिया 15 रुपये प्रति किलो खरीद सकते हैं। 20 दिन पहले, यानी धनिया लगभग 10 गुना सस्ता हो गया है।

ये भी पढ़ें - TV को भुला देगा सैमसंग का यह छोटा डिवाइस, 30 से 100 इंच तक की स्क्रीन 

थोक कारोबारी इमरान राईन ने बताया कि सभी सब्जियों के दाम में गिरावट आई है क्योंकि स्थानीय माल की आवक हुई है। हरी सब्जियां, जैसे गिलकी, मैथी, पालक और करेला, खेरची बाजार में 40 रुपये प्रति किलो की रेंज में मिल रही हैं। थोक बाजार में 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिक रही है। थोक बाजार में जो हरी मिर्च 35 रुपये प्रति किलो था और रिटेल में 80 रुपये प्रति किलो बिकी मिली। अब खेरची बाजार में 40 रुपये प्रति किलो और थोक बाजार में 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिक रही है। भविष्य में सब्जियों की आवक और अधिक होगी। इसलिए दाम में और कमी की उम्मीद है। टमाटर की आवक बढ़ने के साथ मूल्य भी कम हो जाएगा।

वर्षा खेंच से लाभ

वर्षा की खेंच से सब्जियां लाभ उठाई हैं। बीचे दिनों वर्षा लगातार हुई। 15 दिन से वर्षा नहीं हुई है। सब्जियां इसका सीधा लाभ हैं। जहां वर्षा नहीं होती, सोयाबीन सहित अन्य फसलों के किसानों को नुकसान हुआ है। निरंतर वर्षा से खेतों में पानी भरने लगा। इससे सब्जियों का उत्पादन खराब होने लगा। इंदौर का सब्जी बाजार बाहर से आने वाली सब्जियों पर निर्भर था।

मालवा निमाड़ से सब्जियां लगभग गायब हो गईं। महाराष्ट्र से टमाटर, पंजाब से हरी मिर्च और गुजरात से अन्य सब्जियां आती थीं। धुप निकलने से स्थानीय सब्जियों की बिक्री बढ़ी है। हरी मिर्च हालांकि अभी भी 80 रुपये के आसपास बिक रही है। प्रति किलो अन्य सब्जियों का मूल्य लगभग चालिस रुपये है। आने वाले दिन मौसम में ठंडक घुलने से सब्जियों की आवक और बढ़ जाएगी। ऐसे में मूल्य कम होना निश्चित है। माना जाता है कि महीने भर बाद सब्जियों का मूल्य लगभग आधा हो सकता है।