Wheat Farming : गेहूं की बिजाई का बेस्ट तरीका, उत्पादन में आएगा जबरदस्त उछाल 

मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस समय उच्च गुणवत्ता वाली प्रजातियों की बुवाई की जाती है। चलिए जानते है विस्तार से 
 

Wheat Farming : गेहू की सही खेती आपकी पैदावार दोगुनी कर सकती है। गेहूं की खेती में विशेषज्ञों की ये बाते अपनाकर आप भी लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं और सही देखभाल से खेती करते हैं। गेहूं की खेती के बारे में पूरी जानकारी पढ़ें..

गेहूं की बुवाई का सही समय:

मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस समय उच्च गुणवत्ता वाली प्रजातियों की बुवाई की जाती है, इसलिए 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच गेहूं की बुवाई की जानी चाहिए। 15 दिसंबर से 20 दिसंबर तक देरी वाली और मध्यम प्रजातियां बोई जाती हैं। गेहूं की बुवाई से पहले खेत को जुताना चाहिए, ताकि फसल अच्छी तरह से जम सके।

बुवाई से पहले 25 किलोग्राम बीज एक बीघा भूमि के लिए पर्याप्त होगा अगर आप 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच बुवाई कर रहे हैं। यदि देर से बुवाई कर रहे हैं, तो बीज की मात्रा 25 से 35 किलोग्राम करनी चाहिए। उर्वरक संतुलित होना भी महत्वपूर्ण है।

गोबर और कंपोस्ट की कमी होने पर न्यूरोटा पोटाश, नाइट्रोजन, यूरिया, डीएपी, फास्फोरस और सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, बुवाई के दौरान पांच किलोग्राम सल्फर और तीन किलोग्राम जिंक सल्फेट का उपयोग करना फायदेमंद होता है।

गेंहू की बुवाई सीड ड्रिल विधि से करना अधिक फायदेमंद है क्योंकि इसमें बीज और उर्वरक एक साथ डाले जाते हैं, जिससे पौधों को पोषक तत्व मिलने लगते हैं।

20 से 25 दिनों के बीच पहली सिंचाई करें और यूरिया का इस्तेमाल करें। गेहूं की फसल में पानी और उर्वरक का संतुलन महत्वपूर्ण है।