राजस्थान के इस जिलें के कॉटन की मांग विदेशों में, भाव में तेजी के आसार
The Chopal, Rajasthan: बीते कुछ दिनों से कॉटन की मांग में उतार- चढ़ाव देखा जा रहा है। जिसके चलते इसके भावों में भी अलग तरह का रुख दिखाई दे रहा है। पर इस बार राजस्थान के अलवर जिलें के कपास की विदेशी मांग में आए उछाल के बाद कपास के भावों में भी तेजी का दौर देखा जा रहा है। और बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अलवर जिलें में कपास का रकबा भी बढ़ा है। खबरों मुताबिक अलवर के कपास की मांग अमेरिका चीन समेत कई देशों में अधिक होने के कारण कपास में तेजी का दौर देखा जा रहा है। और किसान भी अच्छा मुनाफा हासिल करने के लिए फसल को रोक रहें है। अलवर कृषि उपज मंडी समिति के क्षेत्रीय उपनिदेशक इसाक हारून ने बातचीत के दौरान बताया कि अलवर खंड में पिछले साल की तुलना में इस साल कपास की अधिक रकबे में बुवाई की गई है।
बीते साल 123500 क्विंटल तक पैदावार थी वही इस बार 51000 क्विंटल तक बढ़कर 177000 क्विंटल तक पैदावार हुई है एवं भाव भी अब अच्छे हैं। उन्होंने बताया कि अलवर की मंडी में इन दिनों 8000 से लेकर 8400 प्रति क्विंटल तक कपास बिक रही है और विदेशों में भी इस कपास की मांग भी है और एक्सपोर्ट की जा रही है। और हल्की क्वालिटी की कपास इंडियन मिल में चली जाती है। अच्छी कपास देश से बाहर कई देशों में जा रही है।
कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष सुरेश जलालपुरिया ने मीडिया से बातचीत में बताया कि विगत साल की तुलना में इस साल पैदावार ज्यादा है और भाव भी कुछ अच्छे हैं। पिछले साल इसके 6000 से 7000 रुपए प्रति क्विंटल तक के भाव थे जो इस साल 8000 से 9000 प्रति क्विंटल तक भाव चल रहे हैं। विदेशों में इस साल कपास की काफी मांग है। यह फसल धीरे-धीरे बाजार में आ रही है, जिससे आवक भी बढ़ती जा रही है।
केडलगंज व्यापार संचालन समिति के पूर्व अध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि यहां कपास खुली बोली के माध्यम से भी बिक रही है। बाहर के व्यापारी भी खरीदने के लिए आ रहे हैं और अमेरिका यूएसए चाइना में इसकी मांग ज्यादा है। इसलिए अलवर की कपास भी एक्सपोर्ट भी हो रही है । इस समय मंडी में 2000 पोट प्रतिदिन आ रहे हैं जिसके मंडी भाव 9000 रुपए तक हैं। इस साल 1000 रुपए की तेजी कपास में दर्ज की गई है। किसानों ने भी अपना माल अभी तक रोका हुआ है।उनको यह उम्मीद है कि भाव में आगे तेजी आएगी क्योंकि विदेश में कपास एक्सपोर्ट होने के कारण इसकी मांग इस वक्त बहुत अधिक है।