CAI ने चालू 2022-23 सत्र के लिए कपास उत्पादन घटाकर किया इतना, क्या अब देश में बढ़ेंगे भाव   

 

The Chopal, New Dehli: देश के भारतीय कपास संघ (सीएआई) ने शनिवार को जारी 2022-23 सत्र के लिए कपास की फसल के उत्पादन के अनुमान को 9.25 लाख गांठ तक घटाकर 330.50 लाख गांठ तक कर दिया। और  कपास संघ ने इसका कारण महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में इस बार कपास उत्पादन घटने का अनुमान है।

सीएआई द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि पिछले सत्र में कपास का कुल उत्पादन 307.05 लाख गांठ तक रहने का अनुमान लगाया गया है। एक अक्टूबर, 2022 से शुरू हुए मौजूदा सत्र में कपास का उत्पादन महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में 2-2 लाख गांठ घटकर क्रमशः 82.50 लाख गांठ तक , 13 लाख गांठ और 22 लाख गांठ तक रहने की उम्मीद लगाई है। सीएआई ने कहा कि गुजरात को छोड़कर, जहां उत्पादन सपाट रहने की संभावना बन रही है, और देश के कई मुख्य कपास उत्पादक राज्यों में उत्पादन में गिरावट भी देखने को मिल सकती है।

अब अक्टूबर-दिसंबर 2022 में कुल कपास की आपूर्ति 116.27 लाख गांठ तक होने का अनुमान है, जिसमें 80.13 लाख गांठ तक की आवक, 4.25 लाख गांठ तक का आयात और 31.89 लाख गांठ का अनुमानित शुरुआती स्टॉक भी इसमें शामिल है। सीएआई ने अक्टूबर-दिसंबर 2022 के लिए 65 लाख गांठ तक कपास की खपत का अनुमान भी लगाया है, जबकि 31 दिसंबर, 2022 तक निर्यात खेप दो लाख गांठ तक होने का अनुमान है।

सीएआई ने आगे कहा कि दिसंबर 2022 के अंत में स्टॉक 49.27 लाख गांठ तक रहने का अनुमान है, जिसमें 35 लाख गांठ तक देश भर की कपड़ा मिलों के पास और शेष 14.27 लाख गांठ भारतीय कपास निगम (सीसीआई), महाराष्ट्र फेडरेशन और बेची गई लेकिन वितरित नहीं की गई कपास सहित बहुराष्ट्रीय कंपनियों, ट्रेडर्स, जिनर्स, एमसीएक्स व अन्य के पास भी है।

कपास सत्र 2022-23 के अंत तक यानी 30 सितंबर, 2023 तक कपास की आपूर्ति 374.39 लाख गांठ तक रहने का अनुमान है। इस चालू सत्र के दौरान घरेलू खपत 300 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि निर्यात 30 लाख गांठ तक होने का अनुमान है। सीएआई ने कहा कि पिछले साल के बचे स्टॉक के बारे में पहले 53.64 लाख गांठ होने का अनुमान था, लेकिन अब इसके 44.39 लाख गांठ तक होने का ही अनुमान लगाया गया है। और इसका असर कपास के दामों में आगामी दिनों में देखने को मिल सकता है।