इस राज्य के किसानों को मात्र 48 घंटे में मिल रहा MSP का भुगतान

 

देश के किसानों की आय डबल करने और कृषि को सुगम बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में अब हरियाणा राज्य के किसानों के लिए अच्छी खबर आ रही है। हरियाणा राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि किसानों के हित में फैसला करते हुए। किसानों की फसल को MSP पर खरीद का पैसा मात्र 48 घंटों में ही किसानों को भुगतान किया जा रहा है। बता दे कि पहले सरकार ने पहले समयसीमा तय की थी। वही सरकार द्वारा अभी तक 52 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की भी जा चुकी है। और किसानों को करीब 10 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया भी जा चुका हैं। वही आज उपमुख्यमंत्री आज यहां खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों के साथ प्रदेश में धान, बाजरे सहित खरीद फसलों की खरीद के संबंध में समीक्षा बैठक भी कर रहे थे।

मुआवजे के लिए जल्द सौंपी जाए रिपोर्ट

दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि आगे भी किसानों को भुगतान करने में देरी नहीं होनी चाहिए। 48 घंटे के भीतर उन्हें उनकी फसल का भुगतान होना ही चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कुछ किसानों को अभी तक तकनीकि कारणों से भुगतान भी नहीं हो पाया है, उन किसानों को एसएमएस के माध्यम से भी सूचित किया जाए, ताकि इन तकनीकि खामियों को दूर कर उन्हें तुरंत भुगतान किया भी जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश से प्रभावित फसलों के मुआवजे के संबंध में जल्द रिपोर्ट भी सौंपे, ताकि किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा भी दिया जा सके।

इस साल कितना धान सरकार द्वारा खरीदा गया

उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान पिछले वर्ष 46 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद भी की गई थी, जबकि इस बार इसी अवधि के दौरान अब तक 52,47,111 मीट्रिक टन धान की खरीद भी की जा चुकी है, जोकि लगभग 13 % अधिक है। कुरुक्षेत्र, करनाल और कैथल जिलों में सामान्य से अधिक खरीद भी हुई है। उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से मंडियों में धान के उठान संबंधित रिपोर्ट भी तलब भी की। प्रदेश में धान की खरीद के लिए 210 मंडियां भी खोली गई हैं।

पिछले 1 महीने से हो रही है सरकारी खरीद

हरियाणा में इस साल 1 अक्टूबर से धान की खरीद हो रही है। यहां 55 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य भी रखा गया था। सरकार जल्द इस टारगेट तक पहुंचने वाली है। सरकार ने दावा किया था कि 72 घंटे में फसल का भुगतान किया जाएगा। लेकिन उससे पहले ही पेमेंट करने का रिकॉर्ड ही बन गया