Ajab Gajab: अब एक ही पौधे के लगेगी 3 सब्जियां! जानिए इस शानदार तकनीक के बारे में..

भारतीय बाजारों में सब्जियों की बढ़ती मांग को पूरा करना किसानों के लिये किसी चैलेंज से कम नहीं है. ऐसे में अगर एक ही पौधे पर कई तरह सब्जियां मिल जायें, तो किसानों के लिये कितना फायदेमंद रहेगा.
 

Vegetable Grafting technique: भारतीय बाजारों में सब्जियों की बढ़ती मांग को पूरा करना किसानों के लिये किसी चैलेंज से कम नहीं है. ऐसे में अगर एक ही पौधे पर कई तरह सब्जियां मिल जायें, तो किसानों के लिये कितना फायदेमंद रहेगा. कृषि की उन्नत तकनीक 'ग्राफ्टिंग विधि' से अब ये चमत्कार बी मुमकिन है. यानी अब किसान बैंगन, टमाटर और शिमला मिर्च, ये तीनों ही सब्जियां उगा सकते हैं. ये चमत्कार कर दिखाया है वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने. जी हां, वैज्ञानिकों ने इस आविष्कार को नाम दिया है ब्रिमैटो.  

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ब्रिमैटो - 

ब्रिमैटो (Brimato) कृषि में ग्राफ्टिंग तकनीक का एक उदाहरण है जिसका उपयोग अलग-अलग प्रकार की सब्जियों को एक ही पौधे पर उगाने में किया जाता है। यह तकनीक भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा विकसित की गई है और इसका उदाहरण प्रमुख रूप से बैंगन और टमाटर के संयुक्त पौधों में देखा गया है।

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ब्रिमैटो तकनीक के अनुसार, दो अलग-अलग पौधों को काटकर जोड़ा जाता है, जिससे वे आपस में मिल जाते हैं और एक ही पौधे पर विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगती हैं। यह तकनीक पौधों के वास्तविक भागों को सम्मिलित करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करती है, जिससे उनका एकत्रित विकास हो सके। ब्रिमैटो तकनीक के द्वारा, एक ही पौधे पर दो या तीन प्रकार की सब्जियों को उगाना संभव होता है, जो कि किसानों के लिए बड़ी समृद्धि की स्रोत हो सकता है।

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ब्रिमैटो तकनीक की विशेषताएँ:

कलम बांधना तकनीक: इस तकनीक में, दो या तीन अलग-अलग पौधों को काटकर जोड़ा जाता है, और फिर उनकी जोड़ को स्थायी बनाने के लिए विशेष टेप या बांधने का सामग्री का उपयोग किया जाता है।

आमदनी और उत्पादकता में वृद्धि: ब्रिमैटो तकनीक के द्वारा किसान एक ही पौधे पर कई प्रकार की सब्जियों को उगा सकते हैं, जिससे उनकी आमदनी बढ़ सकती है और फसल की उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है।

जलभराव और अधिक सार्वजनिकता: ब्रिमैटो तकनीक का उपयोग जलभराव वाले क्षेत्रों में भी किया जा सकता है, जहाँ पर पानी की कमी होती है, क्योंकि इस तकनीक में पौधों की सार्वजनिकता और पानी की बचत होती है।

कीड़ों और बीमारियों की संभावना कम होती है: इस तकनीक के द्वारा उत्पन्न पौधों में कीड़ों और बीमारियों का प्रसार कम होता है, क्योंकि उनकी विकास प्रक्रिया आमतौर पर सिंगल पौधों की तुलना में अधिक सुरक्षित रहती है।

इस तरह की तकनीकों के माध्यम से कृषि में नए और उन्नत तरीकों का प्रयोग कर रहे हैं, जो किसानों को बेहतर उत्पादकता और आमदनी की संभावनाएं प्रदान कर सकते हैं। इससे विभिन्न प्रकार की सब्जियां कम जगह पर उगाई जा सकती हैं, जो अच्छी खेती तकनीकों के साथ साथ खेती में सुधार करने का एक और माध्यम हो सकता है।