Business Idea: बस मात्र 1 एकड़ में करें औषधीय गुणों की खेती, किसानों को मिलेगा बेहतरीन लाभ

 

Thechopal: आजकल बहुत से किसान ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर नए तरीके से कई तरह की फसलों की खेती कर रहे हैं. खेती के लिए कई ऐसे ऑप्शन्स मौजूद हैं जिनसे ट्रेडिशनल खेती की तुलना में कई गुना कमाई की जा सकती है. अगर आप भी ऐसी ही किसी फसल की खेती के बारे में सोच रहे हैं तो हैं आपको एक शानदार आईडिया दे रहे हैं. बता दें कि इस चीज की मार्केट में इन दिनों बहुत तेज डिमांड है.

दरअसल, हम यहां एलोवेरा की खेती के बारे में बात कर रहे हैं. एलोवेरा का इस्तेमाल दवा-औषधि, फिटनेस, हर्बल प्रोडक्ट्स और सौंदर्य प्रसाधन आदि में किया जाता है. कई बड़ी कंपनियां ऊंचे दामों पर इसे खरीदने को तैयार है. ऐसे में आपके लिए यह एक अच्छा बिजनेस हो सकता है. आइए जानते हैं इसकी खेती कैसे करते हैं.

देश-विदेश में रहती है भारी डिमांड

आपको बता दें कि देश-विदेश की कई बड़ी कंपनियों को डिमांड के मुताबिक एलोवेरा की खेती नहीं होने के कारण अच्छी क्वालिटी वाला एलोवेरा नहीं मिल पा रहा है. यही कारण है कि एलोवेरा की खेती अब मुनाफे का सौदा बन गई है. इसलिए आप भी अगर अपना कोई काम शुरू करना चाहते हैं तो आप एलोवेरा की खेती कर सकते हैं. ऐसे में अगर आप कंपनियों की डिमांड के मुताबिक अच्छी क्वालिटी वाले एलोवेरा का उत्‍पादन करते हैं तो इसके जरिए लाखों रुपये की कमाई हो सकती है.

जानें कैसे करें एलोवेरा की खेती

एलोवेरा की खेती सबसे अच्छी बात ये है कि इसके लिए पानी की जरूरत बहुत कम होती है. इसकी खेती रेतीली और दोमट मिट्टी में की जा सकती है. एलोवेरा की खेती के लिए आपको ऐसी जमीन को चुनना चाहिए जहां से पानी की निकासी की पूरी व्यवस्था हो. इसकी खेती ऐसी जमीन पर नहीं की जा सकती, जिसमें पानी ठहर जाता है. जिन स्‍थानों पर ज्‍यादा ठंड पड़ती है, वहां भी ऐलोवेरा की खेती नहीं की जा सकती. एलोवेरा की खेती शुष्क क्षेत्र में करना ज्‍यादा फायदेमंद होता है.

ये है खेती करने का सही समय

एलोवेरा की खेती रोपाई के जरिए होती है यानी आपको पौधे लाकर रोपने होते हैं. इसकी खेती के लिए बरसात का मौसम अच्छा माना जाता है लेकिन आप फरवरी से अगस्त के बीच में कभी भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं.

एक एकड़ जमीन में करीब 10 हजार ऐलोवेरा के पौधे लगाए जा सकते हैं. पौधों की संख्‍या मिट्टी के प्रकार और जलवायु पर निर्भर करती है. जिस जलवायु में पौधे ज्यादा बढ़ते हैं और उनका फैलाव ज्‍यादा होता है वहां पौधों के बीच ज्‍यादा दूरी रखी जाती है. वहीं जहां पौधे कम बढ़ते हैं वहां उनके बीच दूरी कम रखी जाती है.

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