हरी मिर्च का उत्पादन बढ़ा देंगे दही और छाछ, नहीं गिरेंगे फल और फूल, ऐसे तैयार करें घोल

Green Chilli Plant : बाजारों में बिकने वाली जहरीली और रासायनिक तरीके से तैयार की गई सब्जियों से बचने के लिए लोग अब किचन गार्डन का रुख कर रहे हैं।  पिछले कुछ समय से किचन गार्डन का क्रेज तेजी से बढ़ा है।  यदि आप भी अपने किचन गार्डन में सब्जियां उगा रहे हैं, तो पौधों की बेहतर बढ़वार और अच्छे उत्पादन के लिए जैविक उपाय अपनाना बेहद महत्वपूर्ण है।
 

Green Chilli Plant : बाजारों में बिकने वाली जहरीली और रासायनिक तरीके से तैयार की गई सब्जियों से बचने के लिए लोग अब किचन गार्डन का रुख कर रहे हैं।  पिछले कुछ समय से किचन गार्डन का क्रेज तेजी से बढ़ा है।  यदि आप भी अपने किचन गार्डन में सब्जियां उगा रहे हैं, तो पौधों की बेहतर बढ़वार और अच्छे उत्पादन के लिए जैविक उपाय अपनाना बेहद महत्वपूर्ण है।  इससे पौधों में न केवल अच्छे फल आएंगे, बल्कि उनकी गुणवत्ता भी बेहतर होगी। 

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ.  एनपी गुप्ता ने बताया कि किचन गार्डन में लोग सजावटी पौधों के साथ-साथ फलदार और सब्जियों वाले पौधे भी लगाते हैं।  हालांकि, कई बार मिर्च के पौधों में फूल कम आना या फिर फूल गिरने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। 

इसके अलावा, कई बार फल बनने के बाद भी गिर जाते हैं।  इस समस्या को रोकने के लिए लोग रासायनिक तरीकों का सहारा लेते हैं, लेकिन अगर वे खट्टी दही या छाछ का उपयोग करें, तो उन्हें मिर्च के पौधों से बेहतर फल मिल सकते हैं

डॉ.  एनपी गुप्ता के अनुसार 5 से 7 दिन पुरानी खट्टी दही या छाछ का उपयोग फल गिरने की समस्या से निजात दिला सकता है।  इसके लिए 10 लीटर पानी में 500 ग्राम खट्टी दही या छाछ मिलाकर एक घोल बना लें। 

इस घोल को पौधों पर छिड़कने से फल गिरने की समस्या कम हो जाएगी और मिर्च का पौधा अच्छे फलों से भर जाएगा।  पौधों की बेहतर बढ़वार और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए ह्यूमिक एसिड और फोलिक एसिड का उपयोग भी किया जा सकता है। 

इनका पानी में घोल बनाकर पौधों पर छिड़काव करने से जड़ों का विकास बेहतर होता है और पौधों को मजबूती मिलती है।  इससे पौधों में फल अधिक आते हैं और उनकी गुणवत्ता भी अच्छी होती है।