बारिश के बाद गन्ना का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसान रखें इन तीन बातों का खास ध्यान
 

तेज बारिश ने गन्ना फसल को देश के कई हिस्सों में नुकसान पहुंचा है। गन्ना की खेती के लिए सिंचाई बहुत जरूरी है, लेकिन अधिक बारिश या जल जमाव की स्थिति में गन्ना उत्पादन कम होता है।
 

The Chopal - तेज बारिश ने गन्ना फसल को देश के कई हिस्सों में नुकसान पहुंचा है। गन्ना की खेती के लिए सिंचाई बहुत जरूरी है, लेकिन अधिक बारिश या जल जमाव की स्थिति में गन्ना उत्पादन कम होता है। गन्ने में लाल सड़न रोग और अन्य बीमारी होती है। हालाँकि, गन्ना फसल का नुकसान कम होगा और उत्पादन बढ़ेगा अगर किसान कुछ टिप्स का पालन करें और इस पोस्ट में बताई गई तीन बातों का ध्यान रखें। 

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गन्ने की फसल को तेज बारिश से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव निम्नलिखित हैं:

अच्छा सिंचाई प्रबंधन: गन्ने की फसल के लिए सिंचाई का सही तरीके से प्रबंधन करें। जल जमाव या बारिश के समय अधिक सिचाई से बचें। किसान पंप का उपयोग करके जल को खेत से बाहर करने का विचार करें, यदि आवश्यक हो।

मेढ़ निर्माण: गन्ने के खेत में मेढ़ (ड्रेनेज चैनल) को सही तरीके से बनाएं, ताकि जल जमाव न हो। मेढ़ को खेत की उचित स्थिति में बनाने से गन्ना की फसल को बारिश के दौरान नुकसान से बचाया जा सकता है।

उर्वरक प्रबंधन: बारिश के तुरंत बाद, गन्ने की फसल की जड़ों में यूरिया का उपयोग करें। यह उत्पादन में वृद्धि करने में मदद कर सकता है।

आंधी से सुरक्षा: आंधी के समय गन्ने की फसल को बचाने के लिए गन्नों को आपस में बांध दें, ताकि जमीन पर गिरने से बचा जा सके।

कृषि बीमा: कृषि बीमा की सुविधा का उपयोग करें, जिससे अगर किसान को फसल में कोई नुकसान होता है, तो उन्हें मुआवजा मिल सकता है।

जल संवर्धन: जल संवर्धन के लिए संवेदनशील बनें और जल का उचित उपयोग करें। बारिश के समय जल को वेस्ट न करें, बल्कि उसे सुरक्षित रूप से जमीन में पहुंचाने का प्रयास करें।

समय पर सहायता: यदि गन्ने की फसल में नुकसान होता है, तो स्थानीय कृषि विशेषज्ञों से सहायता लें और उनकी सलाह का पालन करें।

किसान संगठन: स्थानीय किसान संगठनों में शामिल होकर अपने हकों की सुरक्षा करें और सामूहिक रूप से संकटों का सामना करें।