हनुमानगढ़ में अच्छी बारिश से ग्वार, कपास, मूंग और मोठ का बढ़ेगा दायरा, बंपर होगी बुवाई
Hanumangarh: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले जिले के हर इलाके में दो से तीन बार अच्छी बारिश हो गई है. इस बारिश के चलते कपास की फसलों में किसानों को बड़ा फायदा हुआ है. मिले आंकड़ों के मुताबिक, जिले में अब तक 1,82000 हेक्टेयर में बीटी कपास, अमेरिकन कपास और देसी कपास की फसल की बुवाई हुई है. अब अच्छी बारिश होने के बाद बारानी जमीनों में भी किसानों ने बुवाई का कार्य शुरू कर दिया है. जिस प्रकार तेजी से किसान ग्वार, मूंग, मोठ, बाजरा की बुवाई कर रहे हैं. उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि लक्ष्य तक बिजाई पहुंच सकती है. कृषि विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में इस बार ग्वार बिजाई का 3,50000 हेक्टेयर में लक्ष्य रखा गया है.
चार फसलों की 50% हुई बुवाई
वही सामने आए कुछ आंकड़ों से पता चलता है कि 2 जुलाई तक 1,10000 हेक्टेयर में बिजाई हो चुकी है. इसी तरह मोठ का भी लक्ष्य 70,000 हेक्टेयर है और 40500 हेक्टेयर में बिजाई पूरी हो चुकी है. मोठ का 41000 लक्ष्य है और 26000 हेक्टेयर बुवाई हो चुकी है. बुवाई के आंकड़ों से माना जा सकता है कि सभी फसलों के निर्धारित लक्ष्य की लगभग 50% के आसपास बुवाई हो चुकी है. अब तक इन फसलों की बुवाई उन जमीनों में हुई है जहां सिंचाई का पर्याप्त पानी है. परंतु अब अच्छी बारिश होने के बाद बारानी इलाकों में किस तेजी से बिजाई का कार्य शुरू कर देंगे. सभी प्रकार की कपास की बुवाई का कार्य पूरा हो चुका है. कृषि विभाग किसानों से अच्छी किस्म का बीज इस्तेमाल करने की सलाह दे रहा है. कपास की जो बुवाई पूरी हो चुकी है उसको बरसात से बड़ा फायदा मिला है. जिसके चलते कपास के पौधों की ग्रोथ तेजी से होने लगी है.
धान बुवाई का लक्ष्य पहुंच ऊपर
हनुमानगढ़ जिले के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर धान की खेती भी होती है. कृषि विभाग की तरफ से 32000 हेक्टेयर में धान बुवाई का लक्ष्य रखा गया था. परंतु बुवाई विभाग के टारगेट से ऊपर निकल चुकी है. इस महीने के अंत तक पता चल पाएगा कि धान की कुल कितनी बुवाई हुई है. लेकिन 2 जुलाई तक 37,650 हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है. जिले में बाजरा की बुवाई का लक्ष्य 30000 हेक्टेयर रखा गया. जिसकी अब तक 14580 हेक्टेयर में बुवाई का कार्य पूरा हो चुका है.
अगेती बुवाई फसलों में गुलाबी सुंडी का डर
खरीफ सीजन के दौरान किसानों को बीटी कॉटन से सबसे ज्यादा आमदनी प्राप्त होती है. जिसके चलते विभाग का भी पूरा ध्यान बीटी कॉटन पर है. कई इलाकों में अगेती बुवाई फसलों में गुलाबी सुंडी भी नजर आई है. पिछले कुछ सालों से किसानों और विभाग के लिए इसको नियंत्रण में लाने की बड़ी चुनौती खड़ी हो रही है. कृषि विभाग के अधिकारी सुंडी नियंत्रण को लेकर खेतों तक पहुंच रहे हैं और किसानों को उचित सलाह दे रहे हैं. ताकि इसे गुलाबी सुंडी को नियंत्रण में लाया जा सके और किसानों को फसलों में नुकसान ना उठाना पड़े.