कल से शुरू होगा महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सीजन, 89 लाख मीट्रिक टन चीनी उत्पादन का लक्ष्य 
 

राज्य सरकार ने महाराष्ट्र की मांग पर विचार करते हुए गन्ना पेराई सीजन को नवंबर से शुरू करने की अनुमति दी। निर्णय: गन्ना पेराई समिति की बैठक में इस बार राज्य में 89 लाख मीट्रिक टन चीनी उत्पादन होगा।
 

The Chopal : राज्य सरकार ने महाराष्ट्र की मांग पर विचार करते हुए गन्ना पेराई सीजन को नवंबर से शुरू करने की अनुमति दी। निर्णय: गन्ना पेराई समिति की बैठक में इस बार राज्य में 89 लाख मीट्रिक टन चीनी उत्पादन होगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस साल का गन्ना पेराई सीजन 1 नवंबर से शुरू करने की अनुमति दी, जिसमें चीनी मिलों को निर्धारित तिथि से पहले पेराई नहीं करने का निर्देश दिया गया था। इस वर्ष 88.58 लाख मीट्रिक टन चीनी उत्पादन और 14.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की पेराई का अनुमान है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गन्ने का क्षेत्र 6 प्रतिशत घट गया है।

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महाराष्ट्र शक्कर आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने बताया कि पिछले वर्ष राज्य में 105 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन हुआ और 211 चीनी मिलों में गन्ना पेराई की गई थी। इस अवसर पर, गन्ने का रकबा घटने से चीनी उत्पादन इस साल 88.58 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान लगाया गया था। सीजन 2022-23 में चीनी उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र पहले स्थान पर है, उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है।

इस दौरान, जन नेता गोपीनाथ मुंडे गन्ना श्रमिक कल्याण महामंडल को चीनी मिलों से प्रति टन 10 रुपये एकत्र करके गन्ना श्रमिकों व उनके परिजनों को बच्चों की शिक्षा के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का लाभ देने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राशि से कर्मचारियों के बेटे-बेटियों के लिए स्कूल, छात्रावास सहित कर्मचारियों के कल्याण के कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, सहकारिता मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, विधायक प्रकाश सोलंके, पूर्व विधायक हर्षवर्धन पाटिल, प्रकाश आवाडे और मुख्य सचिव मनोज सौनिक ने गन्ना कटाई पेराई सत्र को लेकर मंत्री समिति की बैठक में भाग लिया।

गुड़ के निर्यात पर प्रतिबंध लगाएगी महाराष्ट्र सरकार

2023-24 के गन्ना पेराई सत्र में, महाराष्ट्र सरकार ने गुड़, या राब (molasses) के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है, जो राज्य सरकार का एक बड़ा राजस्व स्रोत है। राज्य को इस पेराई सीजन में कम बारिश के चलते गन्ना उत्पादन में 15% की गिरावट की उम्मीद है। चीनी आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने कहा कि 2023-24 का पेराई सत्र (अक्टूबर-सितंबर) नवंबर से शुरू होगा। गुड़ उत्पादन इकाइयों को भी नियंत्रित करने का फैसला किया गया है।