Neem Farming: किसानों को मोटा मुनाफा देती है इस वैरायटी के नीम की खेती

Malabar Neem Tree Farming : मालाबार नीम की एक विशेषता है कि इसे बहुत अधिक खाद और पानी (fertilizer and water) की आवश्यकता नहीं होती। यह हर मिट्टी में लगाया जा सकता है। पांच साल में ही यह इमारती लकड़ी (timber) खरीदा जा सकता है। यह खेत की मेड़ (farm ridge) पर भी लगाया जा सकता है। सेप्लाईवुड इंडस्ट्रीज (Sepplywood Industries) में इसकी सबसे अधिक मांग है क्योंकि इसके पौधों में दीमक नहीं लगती।
 

Malabar Neem Tree Cultivation : इस पेड़ को मेलिया डबिया या मालाबार नीम (Melia Dubia or Malabar Neem) भी कहते हैं। मालाबार नीम, यूकेलिप्टस (Eucalyptus) की तरह तेजी से बढ़ता है, यह पेड़ मेलियासी वनस्पति परिवार (meliaceae botanical family) से आता है। यह रोपण से दो साल के भीतर 40 फुट तक बढ़ जाता है। इस पेड़ की खेती कर्नाटक (Karnataka), तमिलनाडु (Tamil Nadu), आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) और केरल (Kerala) में कई किसानों ने की है।

मालाबार नीम की एक विशेषता है कि इसे बहुत अधिक खाद और पानी (fertilizer and water) की आवश्यकता नहीं होती। यह हर मिट्टी में लगाया जा सकता है। पांच साल में ही यह इमारती लकड़ी (timber) खरीदा जा सकता है। यह खेत की मेड़ (farm ridge) पर भी लगाया जा सकता है। यह पौधा एक वर्ष में आठ फीट की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। सेप्लाईवुड इंडस्ट्रीज (Sepplywood Industries) में इसकी सबसे अधिक मांग है क्योंकि इसके पौधों में दीमक नहीं लगती।  

लकड़ी का इस्तेमाल

इसकी लकड़ी पैकिंग, भवन निर्माण, कृषि उपकरण, पेंसिल, माचिस की डिबिया, संगीत वाद्ययंत्र, चाय की पेटियों और फर्नीचर बनाने में प्रयोग की जाती है। इससे निर्मित फर्नीचर में कभी दीमक (Termite) नहीं लगता। यही कारण है कि इसकी लकड़ी से जीवन भर के लिए टेबल-कुर्सी, अलमीरा, चौकी, पलंग, सोफा, आदि बनाए जा सकते हैं।

इस प्रकार की मिट्टी होना, बेहद जरूरी

मालाबार नीम की खेती के लिए जैविक तत्वों से भरपूर उपजाऊ रेतीली दोमट मिट्टी (sandy loam soil) सबसे अच्छी है। जबकि इसकी वृद्धि बजरी मिश्रित उथली मिट्टी (gravel mixed shallow soil) में कम विकास दर को दर्शाती है। इसी तरह, लैटराइट लाल मिट्टी (laterite red soil) मालाबार नीम की खेती के लिए बहुत अच्छी है। यदि आप बीज से खेती कर रहे हैं तो मार्च से अप्रैल के दौरान बीज बोना बेहतर है।

मालाबार नीम के चार एकड़ में पांच हजार पेड़ लगा सकते हैं, जिसमें से दो हजार खेत के बाहर वाली मेड़ पर और तीन हजार खेत के अंदर मेड़ पर लगा सकते हैं। 8 वर्ष के बाद पेड़ों की लकड़ी बेची जा सकती है। 4 एकड़ में इसकी खेती करके आसानी से 50 लाख रुपये तक कमा सकते हैं। एक पेड़ का वजन लगभग डेढ़ से दो टन होता है। यह कम से कम 500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मार्केट में बिकता है। ऐसे में अगर एक पौधा छह से सात हजार रुपये में भी बिकेगा तो किसान आसानी से लाखों रुपये कमा सकते हैं।