PM Kisan Yojana :भारत के कृष‍ि मंत्री का बड़ा बयान, किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, जाने पूरी खबर 
 

 

THE CHOPAL (New Delhi) - जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच अब नई तकनीक और र‍िसर्च तक किसानों की पहुंच सुन‍िश्‍च‍ित करने की आवश्यकता भी है। भारत के केंद्रीय कृष‍ि मंत्री नरेंद्र स‍िंह तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की 94वीं सालाना आम बैठक में इस बात पर जोर भी द‍िया हैं । तोमर ने कहा क‍ि कृषि इंडियन इकोनॉमी की रीढ़ की हड्डी भी है, इस क्षेत्र को ज्यादा विकसित किया जाना भी चाहिए। 

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ICAR के योगदान को सराहा -

तोमर के अनुसार जलवायु परिवर्तन जैसी बड़ी चुनौतियां आज हमारे सामने भी हैं। बता दे की प्राकृतिक आपदाओं की वजह से किसानों की खड़ी फसल को होने वाले काफी नुकसान की चुनौती का भी हम सामना भी कर रहे हैं। तोमर के अनुसार नये भारत में हमें कई नई तकनीक और शोध को सभी किसानों तक पहुंचना भी है.' एक आधिकारिक बयान के मुताबिक उन्होंने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में आईसीएआर (ICAR) के वैज्ञानिकों के योगदान की काफी सराहना भी की हैं। साथ ही कृष‍ि मंत्री नरेंद्र स‍िंह तोमर ने यह कहा कि 2047 तक नया भारत बनाने के लिए और ज्यादा शोध प्रयासों की आवश्यकता भी है। 

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सीओई को मंजूरी दी -

दूसरी तरफ बात करे तो कृषि मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया क‍ि ड्रैगन फ्रूट,सब्जियों,आम और फूलों के लिए बेंगलुरु, जयपुर और गोवा में तीन उत्‍कृष्‍टता केंद्र (COI) स्थापित भी किए जाएंगे। एक बयान के मुताबिक , 'मंत्रालय ने अब तक 49 सीओई को मंजूरी भी दी है, जिनमें से 3 को बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन (MIDH) के अंतर्गत 9 MARCH, 2023 को मंजूरी भी दी गई.'

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कमलम (ड्रैगन फ्रूट) के लिए एक COI भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (IIHR) द्वारा कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित हीरेहल्ली परीक्षण केंद्र में स्थापित भी किया जाएगा। आम और सब्जियों के लिए दूसरा सीओई भारत-इजरायल कार्य योजना के माध्यम से ओडिशा के जाजपुर जिला में स्थापित भी किया जाएगा। सब्जियों और फूलों के लिए तीसरा सीओई भारत-इजरायल कार्य योजना के माध्यम से दक्षिणी गोवा के पोंडा में एक सरकारी कृषि फार्म में स्थापित भी किया जाएगा।