राजस्थान के इस इलाके में बारिश से फसलें खराब, कपास, मूंग, मूंगफली इत्यादि में नुकसान

Loss In Kharif Crop : राजस्थान के झुंझुनूं जिले में भारी बारिश ने खरीफ फसलों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। खेतों में कपास, मूंगफली, मूंग, चंवला, बाजरा और अन्य फसलों को बहुत नुकसान हुआ है। ज्यादा बारिश ने चंवला, मूंग और बाजरे के दाने को अंकुरित कर दिया है, जिससे उनकी गुणवत्ता में कमी आई है।
 

Rajasthan News : राजस्थान के झुंझुनूं जिले में भारी बारिश ने खरीफ फसलों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। खेतों में कपास, मूंगफली, मूंग, चंवला, बाजरा और अन्य फसलों को बहुत नुकसान हुआ है। ज्यादा बारिश ने चंवला, मूंग और बाजरे के दाने को अंकुरित कर दिया है, जिससे उनकी गुणवत्ता में कमी आई है। कपास की फसल भी पीली हो गई है और डोडे नहीं खुलने के कारण किसानों को रूई नहीं मिल रही है। इसी तरह मूंगफली की फसल जमीन के अंदर अंकुरित हो रही है, जिसके कारण इसके उत्पादन में भारी गिरावट आई है।

गिरदावरी का कार्य होगा, अक्टूबर महीने में पूरा

किसानों ने फसलों में हो रहे नुकसान को देखते हुए खेतों में फसल लावणी शुरू की है। लेकिन अभी तक कृषि विभाग और प्रशासन ने फसलों के नुकसान का सर्वेक्षण शुरू नहीं किया है। किसान अब गिरदावरी का इंतजार कर रहे हैं ताकि फसलों का उचित मुआवजा मिले। हाल ही में जिले के प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत ने अपने झुंझुनूं दौरे के दौरान अधिकारियों को कहा था कि गिरदावरी कार्य अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाए। ताकि किसानों को उचित मुआवजा मिल सके, उन्होंने जिले के एसडीएम और तहसीलदारों को कृषि पर्यवेक्षकों, ग्राम सेवकों और पटवारियों के साथ मिलकर फसल नुकसान का सटीक आकलन करने का आदेश दिया। मगर अभी तक इसको लेकर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

किसान फसलों की गिरदावरी का कर रहे, इंतजार

इस सीजन के अंतर्गत झुंझुनूं जिले में 166,944 हेक्टेयर में बाजरे, 39,775 हेक्टेयर में मूंगफली, 27,663 हेक्टेयर में चावल, 13,442 हेक्टेयर में मूंगफली, 5,308 हेक्टेयर में कपास और 51,339 हेक्टेयर में ग्वार की बुआई हुई थी। किसानों का बताया कि अगर जल्द से जल्द फसलों की गिरदावरी नहीं की गई तो उनकी हालत और खराब हो सकती है।

किसानों ने की सरकार से मुआवजे की मांग

किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि फसलों के नुकसान का उचित भुगतान जल्द से जल्द किया जाए। क्योंकि अत्यधिक बारिश ने उनकी मेहनत से तैयार की गई फसल को बर्बाद कर दिया है और वे आर्थिक संकट में हैं।