1 किलो सब्ज़ी का भाव 1 लाख रुपए, दुनिया की महंगी सब्ज़ी उगा रहा यह किसान,
जब आप यह खबर पढ़ेंगे तो हैरान रह जाएंगे. वैसे आजकल किसान अपनी परंपरागत खेती छोड़ नए नए प्रयोग कर रहें हैं और यह प्रयोग किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहें है बता दें की दुनिया की सबसे महंगी सब्जी की कीमत 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है. दुनिया की सबसे महंगी इस सब्जी का उत्पादन परीक्षण के तौर पर बिहार के औरंगाबाद जिले में किया जा रहा है. इस सब्जी का नाम है हॉप-शूट्स. हॉप-शूट्स की खोज 11वीं शताब्दी में की गई थी और तब इसका उपयोग बीयर में फ्लेवरिंग एजेंट के तौर पर किया जाता था.
बता दें की बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले के नवीनगर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले करमडीह गांव के उम्र 38 वर्ष युवा किसान अमरेश सिंह भारत के पहले ऐसे किसान हैं, जो हॉप-शूट्स की खेती कर रहे हैं. करीब 6 साल पहले उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक किलोग्राम हॉप-शूट्स को 1 लाख रुपए किलोग्राम में बेचा था, यह सब्जी भारतीय बाजार में बहुत मुश्किल से मिलती है और इसे केवल स्पेशल ऑर्डर पर ही खरीदा जा सकता है.
वहीं बता दें की युवा किसान अमरेश सिंह का कहना है कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी हॉप-शूट्स की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाते हैं तो इससे किसानों की आय कुछ ही समय में 10 गुना बढ़ सकती है. वर्तमान में हॉप-शूट्स की खेती वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिक डा. लाल की देखरेख में की जा रही है.
किसान अमरेश सिंह ने बताया कि उन्होंने 2 महीने पहले ही वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान से इस सब्जी के बीज लाकर अपने खेत में लगाए हैं. उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद है कि उनकी मेहनत सफल होगी और इससे बिहार राज्य में खेती में बड़ा बदलाव आ सकता है.
वहीं एक हर्ब के रूप में हॉप-शूट्स का उपयोग यूरोपियन देशों में बहुत लोकप्रिय है. यहां इसका उपयोग त्वचा को चमकदार एवं युवा बनाए रखने के लिए किया जाता है. इस सब्जी में एंटीऑक्सीडेंट प्रचूर मात्रा में पाया जाता है. हॉप-शूट्स से बनी दवाई पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और डिप्रेशन एवं एनजाइटी में आराम पहुंचाती है.
हॉप-शूट्स की खेती ब्रिटेन, जर्मनी और अन्य यूरोपियन देशों में बड़े पैमाने पर की जाती है. भारत में, इसकी खेती सबसे पहले हिमाचल प्रदेश में शुरू की गई परंतु इसके बहुत अधिक दामों के कारण से बाजार उपलब्ध न होने की वजह इसे बंद कर दिया गया.
अमरेश हॉप-शूट्स के अलावा अन्य कई मेडिसनल और एरोमैटिक प्लांट्स की खेती करते हैं. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में, आत्मविश्वास के साथ रिस्क लेना हमेशा से ही किसानों के फायदे में रहा है. मैंने बिहार राज्य में हॉप-शूट्स की खेती के साथ प्रयोग करने का जोखिम उठाया है और मुझे पूरा भरोसा है कि इससे एक नया इतिहास रचेगा.